Thursday, December 4, 2025

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संसद का शीत सत्र शुरू, लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दोपहर तक स्थगित

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नई दिल्ली में सोमवार को संसद भवन के गरुड़ द्वारा पर शीतकालीन सत्र के पहले दिन संवाददाताओं को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।

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1 दिसंबर 2025, 07:51 am IST
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नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार एक दिसंबर से शुरू हो गया। कार्यवाही की पहली ही घड़ी में लोकसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। सांसद नारे लगाते हुए वेल तक पहुंच गए। विशेष गहन संशोधन (SIR) और दिल्ली विस्फोट जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर यह प्रदर्शन हुआ। स्पीकर ओम बिरला ने सदन को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया।

उधर, राज्यसभा में नए सभापति सीपी राधाकृष्णन का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका अभिवादन किया। सभापति ने सदन का संचालन संभाला और सदस्यों से सहयोग की अपील की। राज्यसभा में शुरुआत में शांति रही, लेकिन विपक्ष ने भी अपनी चिंताओं को उठाने का संकेत दिया।

सत्र शुरू होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन के बाहर मीडिया से करीब दस मिनट बात की। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हाल के चुनावों में हार के बाद विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आया है और सदन में मजबूत मुद्दे उठा रहा है। अगर विपक्ष चाहे तो मैं उन्हें टिप्स देने को तैयार हूं कि कैसे बेहतर प्रदर्शन किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सत्र पराजय की हताशा या विजय के अहंकार का मैदान नहीं बनना चाहिए। नई पीढ़ी के सदस्यों को अनुभव का लाभ मिलना चाहिए। यहां ड्रामा या नारे नहीं, बल्कि ठोस डिलीवरी यानी कामकाज होना चाहिए।

पीएम के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान महज पाखंड है। जो खुद सबसे बड़ा ड्रामेबाज है, वही दूसरों को ड्रामा की नसीहत दे रहा है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार को मुद्दों पर बहस से बचने के बजाय जवाब देना चाहिए।

यह शीत सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। कुल 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी। इस दौरान परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 समेत करीब 10 नए विधेयक पेश हो सकते हैं। इनमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक और मणिपुर जीएसटी (द्वितीय संशोधन) विधेयक शामिल हैं। इसके अलावा इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में बदलाव और हाईवे से जुड़े विधेयक भी एजेंडे पर हैं। पहला अनुपूरक बजट भी पेश होगा।

विपक्ष ने सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में कई मुद्दे उठाए थे। दिल्ली में हाल के विस्फोट, राष्ट्रीय सुरक्षा, वायु प्रदूषण, बेरोजगारी, महंगाई और मतदाता सूची के SIR पर चर्चा की मांग की गई। इंडिया गठबंधन के फ्लोर लीडर्स ने कहा कि अगर सरकार इन पर बहस नहीं कराएगी तो सदन में सहयोग नहीं करेंगे। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सदन सुचारू रूप से चले, इसके लिए सभी दलों से अपील है।

प्रधानमंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है, जहां सभी को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। लेकिन नारेबाजी से काम रुकने नहीं देना चाहिए। विपक्ष के प्रदर्शन के कारण लोकसभा में प्रश्नकाल भी प्रभावित हुआ। दोपहर बाद सदन फिर शुरू होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने वाली हैं।

राज्यसभा में सभापति राधाकृष्णन का पहला दिन होने से सदस्यों ने बधाई दी। डीएमके सांसद तिरुची सिवा ने कहा कि सभापति सदन के संरक्षक हैं और उम्मीद है कि वे सभी को न्याय देंगे। सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर भी चर्चा हो सकती है, जिसकी संयुक्त संसदीय समिति विभिन्न राज्यों में दौरा कर रही है। कुल मिलाकर सत्र की शुरुआत गरम रही। विपक्ष सरकार को घेरने को तैयार है, जबकि सरकार विधेयकों को पास कराने पर जोर दे रही है। अगर दोनों पक्ष सहयोग करें तो सत्र उत्पादक साबित हो सकता है, वरना हंगामा और स्थगन की स्थिति बनी रह सकती है।

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