टीएमसी विधायक जाकिर हुसैन ने कर दिया बड़ा ऐलान

File Photo TMC MLA Jakir Hussain
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय करीब आ रहा है, वैसे-वैसे मंदिर-मस्जिद की राजनीति उफान पर आती जा रही है। इसी के चलते बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने के बाद अब पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने की दिशा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मुस्लिम विधायक जाकिर हुसैन ने एक अहम पहल की घोषणा कर दी है। मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर से टीएमसी विधायक हुसैन ने ऐलान किया है कि वह क्षेत्र में एक श्रीकृष्ण मंदिर और एक मस्जिद का निर्माण करवाएंगे। इस परियोजना के लिए वह अपनी निजी राशि से कुल एक करोड़ रुपये दान करेंगे।
दरअसल बनसबती में आयोजित एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रहे विधायक जाकिर हुसैन ने कहा, कि धर्म के नाम पर समाज को बांटने की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित परियोजना के तहत मंदिर और मस्जिद दोनों के निर्माण के लिए 50-50 लाख रुपये दिए जाएंगे। उनका कहना है कि यह कदम समाज में प्रेम, भाईचारे और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
गौरतलब है कि विधायक जाकिर हुसैन का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जबकि टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर बाबरी मस्जिद की नींव रखने को लेकर सुर्खियों में हैं। हालांकि जाकिर हुसैन ने अपनी पहल को पूरी तरह गैर-राजनीतिक बताते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, ताकि इसे किसी भी तरह से राजनीतिक लाभ से न जोड़ा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वह धार्मिक राजनीति में विश्वास नहीं रखते और उनका मानना है कि सभी धर्मों का मूल संदेश इंसानियत और भाईचारा है। इसीलिए यह पहल सभी समुदायों के लिए एक सकारात्मक संदेश देगी।
हुसैन की योजना को अन्य नेताओं का मिला समर्थन
इस योजना को तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है। पार्टी नेता गौतम घोष ने इसे सांप्रदायिक सद्भाव का एक अनुकरणीय उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि मंदिर और मस्जिद के निर्माण के लिए अलग-अलग ट्रस्ट बनाए जाएंगे और राज्य सरकार से भूमि आवंटन के लिए अनुरोध किया जाएगा। स्थानीय लोगों ने भी इस घोषणा का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इस पहल से न केवल सामाजिक सौहार्द मजबूत होगा, बल्कि मुर्शिदाबाद जिले में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकते हैं। कुल मिलाकर जाकिर हुसैन की यह पहल बंगाल की राजनीति में एक सकारात्मक और समावेशी संदेश के रूप में देखी जा रही है।
