किसानों के लिए ऐतिहासिक योजना लाकर महाराष्ट्र सरकार ने बनाया गिनीज रिकॉर्ड...!

गिनीज रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट लेते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस
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मंबई। हाल के दिनों में महाराष्ट्र सरकार ने अपने किसानों के लिए जो काम किया है वह महाराष्ट्र सरकार के मुखिया देवेन्द्र फडणवीस के किसानों के प्रति प्रेम का जीता-जागता सबूत है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार ने किसान के खेतों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था और बिजली बिल को जीरो करने का संकल्प लिया था और इसी संकल्प के तहत महाराष्ट्र सरकार ने वह कमाल कर दिखाया जिसे देखकर पूरी दुनिया दंग है। मात्र 30 दिनों में 45 हजार 911 सोलर कृषि पंप लगाने का आँकड़ा हासिल कर महाराष्ट्र सरकार ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा लिया है। यह रिकॉर्ड सिर्फ संख्या नहीं है बल्कि महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का किसानों के प्रति झुकाव है, जिसने इतिहास रचकर दिखाया है।
इस खास रिपोर्ट में हम बात करेंगे महाराष्ट्र सरकार की मागेल त्याला सौर कृषि पंप योजना की, जिसके लिए गिनीज बुक की टीम ने खुद महाराष्ट्र आकर सीएम देवेंद्र फडणवीस को सर्टिफिकेट सौंपा है।
महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिए एक ऐसी योजना शुरू की है, जो न सिर्फ खेतों में पानी की कमी दूर कर रही है, बल्कि बिजली बिल को भी जीरो कर रही है। योजना का नाम है मागेल त्याला सौर कृषि पंप योजना, जिसके तहत महाराष्ट्र सरकार ने सिर्फ 30 दिनों में 45 हजार 911, यानि कि हर 56 सेकंड में एक नया सोलर पंप लगाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। यह रिकॉर्ड इतना शानदार है कि गिनीज बुक की टीम खुद महाराष्ट्र आई और यहां के सीएम देवेंद्र फडणवीस को सर्टिफिकेट सौंपा। गत 5 दिसंबर को छत्रपति संभाजीनगर के ऑरिक सिटी मैदान में यह ऐतिहासिक समारोह हुआ, जहां सीएम फडणवीस ने इस रिकॉर्ड को किसानों की मेहनत और महाराष्ट्र सरकार की कोशिश का नतीजा बताया। आईए सुन लेते हैं अपनी इस उपलिब्ध पर सीएम फडणवीस ने क्या कहा.... (बाईट सीएम)
आखिर यह योजना है क्या...?
दरअसल महाराष्ट्र सरकार की यह योजना किसानों को सोलर पावर से चलने वाले पंप देती है, जिससे सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाने की समस्या और बिजली बिल का बोझ दोनों पर विराम लग रहा है। योजना के तहत सोलर पैनल लगते हैं, जो धूप से बिजली बनाते हैं और इसी बिजली से पंप चलते हैं, वह भी बिना किसी बिल के। यह योजना वर्तमान में महाराष्ट्र के सूखे इलाकों जैसे मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र आदि में वरदान साबित हो रही है। महावितरण महाराष्ट्र स्टेट इलैक्टि्रसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कोर्पोरेशन लिमिटेड यानि कि एमएसईडीसीएल के चेयरमैन लोकेश चंद्रा बताते हैं कि कि यह योजना कृषि की सारी जरूरतों को सोलर से जोड़ रही है। उन्होंने बताया कि योजना का टारगेट 16 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करना है, जिसमें से 3 हजार मेगावाट का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है और करीब 9 लाख किसानों को फायदा हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि योजना का उद्देश्य सिर्फ सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि इससे कमाई भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि सोलर पंप से बनी अतिरिक्त बिजली को किसान एमएसईडीसीएल को बेच सकते हैं, जिससे 25 साल में किसान 10 लाख रुपये तक की कमाई कर सकता है। (बाईट सीएमडी)
महाराष्ट्र के किसान कैसे इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
तो यह सोलर पंप लगवाने के लिए सबसे पहले किसान को वेबसाइट महाडिसकॉम पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई करना है। इसके बाद अधिकारी जांच करेंगे और इसके बाद 90 से 95% सब्सिडी पर यह पंप मिलेगा। योजना के में छोटे किसानों को पहले मौका दिए जाने का प्रावधान भी है। जो सोलर पंप किसानों को मिलेगा उसके साथ 5 साल की गारंटी मिलेगी और सौर पैनल 25 साल चलेंगे। कुलमिलाकर अब ट्रांसफॉर्मर खराब हो या बिजली न आए, इस सबसे सिंचाई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
