छात्र बना रहे थे रील, लोग समझे हो रही मारपीट...?

जिस छात्रावास का वीडियो था, उसी छात्रावास के गेट की तस्वीर
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अजयगढ़ (पन्ना)। शासकीय अनुसूचित सीनियर छात्रावास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था। वीडियो में बच्चे रसोइया से नाश्ते को लेकर गाली-गलौज और मारपीट करते दिख रहे थे। लोग इसे छात्रों की गुंडागर्दी और छात्रावास की बदइंतजामी बता रहे थे। लेकिन जब हम ग्राउंड जीरो पर पहुंचे तो पूरी सच्चाई सामने आई – यह कोई लड़ाई नहीं, सिर्फ रील बनाने का ड्रामा था।
शनिवार का दिन था। छात्रावास में छुट्टी होने के कारण बच्चे आपस में रील बना रहे थे। हंसी-मजाक में एक-दूसरे पर हाथ चला रहे थे, गाली जैसी एक्टिंग कर रहे थे ताकि वीडियो वायरल हो और लाखों व्यू आए। उसी दौरान किसी ने रसोइया रामदेव को भी बीच में लाकर सीन बनाया। बच्चे नाश्ता मांगने का एक्टिंग कर रहे थे और रसोइया भी हंसते-हंसते साथ दे रहा था।
खुद छात्र नवनीत ने कैमरे पर बताया – “हम लोग लड़ाई नहीं कर रहे थे सर। बस रील बना रहे थे। व्यूज के लिए ऐसा किया था। किसी ने गलत तरीके से वायरल कर दिया।”
रसोइया रामदेव ने भी हंसते हुए कहा – “हम तो सब साथ-साथ रील बना रहे थे। कोई मारपीट नहीं हुई। बच्चे मस्ती कर रहे थे, मैं भी मज़ाक में साथ दे रहा था। किसी ने गलत मैसेज के साथ डाल दिया।”
छात्रावास अधीक्षक अनिल गुप्ता ने साफ किया – “वीडियो में कोई सच्चाई नहीं है। बच्चे रील बनाकर वायरल होना चाहते थे। अब हमने सभी बच्चों को समझा दिया है कि ऐसी हरकत दोबारा न करें।”
पुलिस और प्रशासन को भी इसकी सूचना दी गई। अजयगढ़ थाना प्रभारी ने बताया कि वीडियो देखकर जांच की गई। सब कुछ साफ है। कोई मारपीट नहीं हुई। बस बच्चों की मस्ती थी जो गलत तरीके से पेश कर दी गई।
अब छात्रावास में फिर से शांति है। बच्चे भी मान रहे हैं कि रील बनाने की होड़ में गलती हो गई। यह मामला एक बार फिर बता रहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने के चक्कर में कैसे बेगुनाह लोग बदनाम हो जाते हैं और सच छुप जाता है।
