Monday, December 22, 2025

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मध्य प्रदेशभोपालस्कूलों में नामांकन दर को बढ़ाने एवं ड्रॉपआउट दर को घटाने के लिये किये गये ठोस प्रयास

स्कूलों में नामांकन दर को बढ़ाने एवं ड्रॉपआउट दर को घटाने के लिये किये गये ठोस प्रयास

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22 दिसंबर 2025, 12:20 pm IST
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स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि इस वर्ष शैक्षणिक सत्र में बच्चों को राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं निर्धारित समय पर उपलब्ध कराई गई हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने पहली बार 'प्रवेशोत्सव' का आयोजन अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही शुरू किया था। इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सराहनीय रही है। स्कूलों में कक्षा एक, 6 और 9 में प्रवेश प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। कक्षा 6 में प्रवेश के लिये प्रधानाध्यापक और माध्यमिक शाला में कक्षा 9 में प्रवेश के लिये प्राचार्य को जिम्मेदारी दी गई। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह सोमवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय सभागार में विकास और सेवा के 2 वर्ष पर केन्द्रित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल, परिवहन विभाग के सचिव श्री मनीष सिंह, परिवहन आयुक्त श्री विवेक शर्मा, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री हरजिंदर सिंह एवं विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।

कक्षा 5 एवं 8 की बोर्ड पैटर्न परीक्षा परिणाम मार्च में घोषित

मंत्री श्री सिंह ने बताया कि कक्षा एक में कुल नामांकन वर्ष 2025-26 में पिछले वर्ष की तुलना में 19.6 प्रतिशत एवं शासकीय विद्यालयों में 32.4 प्रतिशत अधिक रहा है। प्रदेश में बच्चों की पढ़ाई शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही हो, इसके लिये कक्षा 5 एवं 8 की बोर्ड पैटर्न परीक्षा के परिणाम मार्च माह में ही घोषित कर दिये गये। उन्होंने बताया कि शासकीय योजनान्तर्गत निजी विद्यालयों में अध्ययनरत पात्र परिवारों के लगभग 8 लाख 50 हजार बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति पूर्णत: ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से की गई। पिछले 3 वर्षों में सभी कक्षाओं में ड्रॉपआउट दर में कमी आई है। वर्ष 2024-25 में प्राथमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर 6.8 प्रतिशत से घटकर शून्य हो गई है। समग्र आईडी के माध्यम से 90 प्रतिशत बच्चों की ट्रेकिंग पूर्ण की गई है।

प्रोत्साहन एवं अन्य योजनाएं

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने बताया कि बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें समय पर उपलब्ध कराई गईं और उनकी छपाई गुणवत्ता में सुधार किया गया। 94 हजार 300 प्रतिभाशाली बच्चों को लेपटॉप और 7 हजार 800 विद्यार्थियों को स्कूटी वितरित की गई। पहली बार साइकिल वितरण का कार्य अगस्त माह में ही कर लिया गया। आगामी शैक्षणिक सत्र से अप्रैल 2026 में ही साइकिल वितरण का कार्य किया जायेगा। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति, गणवेश, छात्रावास एवं छात्राओं के सेनिटेशन एवं हाइजीन के लिये डीबीटी के माध्यम से राशि अंतरित की गई। उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान की तीसरी किश्त के लिये केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने वाला देश का तीसरा एवं पहला बड़ा राज्य मध्यप्रदेश है। प्रदेश में पहली बार अतिथि शिक्षक की व्यवस्था 1 जुलाई को पूर्ण की गई। वर्तमान में 76 हजार 325 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। सरकारी स्कूलों में 20 हजार से अधिक अतिशेष शिक्षकों का स्थानांतरण, शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में किया गया। सरकारी स्कूलों में 20 हजार से अधिक अतिशेष शिक्षकों को शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में भेजा गया।

उल्लेखनीय उपलब्धि

 प्रदेश में 80 प्रतिशत नियमित शिक्षकों की एवं 96 प्रतिशत अतिथि शिक्षकों की 'हमारे शिक्षक' जियो टेग आधारित ऐप में दर्ज की जा रही है। इस ऐप में अवकाश प्रबंधन और शिकायत निवारण सुविधा भी 1 जनवरी 2026 से लागु कर दी जायेगी।

 18 जिला एवं प्रशिक्षण संस्थानों का उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में विकास।

 आगामी शैक्षणिक वर्ष से पूर्णत: ऑनलाइन छात्रावास प्रबंधन एवं प्रवेश के लिये सॉफ्टवेयर।

 पहली बार जिलों को सरकारी स्कूल भवन मरम्मत, पेयजल एवं बिजली व्यवस्था के लिये निधि आवंटित।

 अगले वर्ष तक सभी सरकारी हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी एवं मिडिल स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था।

 प्रदेश के 275 सांदीपनि एवं 799 पीएमश्री विद्यालयों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप विकसित करने की योजना। प्रदेश के 275 सांदीपनि विद्यालयों में से 79 भवन पूर्ण और 126 सांदीपनि भवनों का कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य।

 वर्तमान में 3367 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा। पिछले वर्षों में 690 विद्यालयों में कृषि संकाय प्रारंभ। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 6 लाख हुई।

 वर्ष 2024-25 में कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा प्रतिशत 56 प्रतिशत से बढ़कर 76.22 प्रतिशत हुआ। इसमें लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा की उत्तीर्ण प्रतिशत 63 प्रतिशत से बढ़कर 74.56 प्रतिशत हुआ। इसमें 12 प्रतिशत वृद्धि हुई। द्वितीय बोर्ड परीक्षा का संचालन माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड द्वारा किया गया। द्वितीय परीक्षा उपरांत अंतिम उत्तीर्ण प्रतिशत कक्षा 10 के लिये 87.52 प्रतिशत तथा कक्षा 12 के लिये 82.53 प्रतिशत रहा।

 राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिये टास्क फोर्स की बैठक नियमित। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 49 पाठ्य पुस्तकों का हिन्दी एवं स्थानीय भाषा में प्रकाशन। पुस्तकें 89 ट्राइबल विकासखंड शालाओं को भेजी गई।

 निजी विद्यालयों की मान्यता निरीक्षण एवं अपील प्रक्रिया के लिये 'एण्ड टू एण्ड' ऑनलाइन पोर्टल को इस वर्ष शुरू किया जायेगा। स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े कार्यालयों को एक ही भवन और परिसर में लाने के लिये 20 मंजिल के कार्यालय भवन का निर्माण प्रस्तावित।

परिवहन विभाग की उपलब्धियां

परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने राज्य सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पत्रकार वार्ता में परिवहन विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग की प्रक्रिया को सरल बनाने तथा आम जनता को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वाहनों के परमिट तथा ड्राइविंग लाइसेंस आदि सेवाओं को पोर्टल 'वाहन तथा सारथी' के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में विभाग की समस्त सेवाओं को फेसलेस रूप में प्रदान करने वाला मध्यप्रदेश देश में प्रथम राज्य बन गया है। परिवहन विभाग की सेवाओं को ऑनलाइन आवेदन करने की सहायता देने के लिये एमपी ऑनलाइन सेंटर्स को भी मान्यता प्रदान की गई है। नागरिक प्रदेश में 1.25 लाख से अधिक सेवा केन्द्रों से परिवहन की सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।

मुख्य उपलब्धियां

 यात्री बसों के परमिट जारी करने में आ रही समस्याओं के लिये संभागीय आयुक्त राजस्व की अध्यक्षता में प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण का गठन।

 इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये मोटरयान कर में पूर्ण छूट प्रदान किये जाने का प्रावधान।

 सीएनजी वाहनों पर कर में 1 प्रतिशत की छूट।

 पुराने वाहनों को स्क्रेप कराने के बदले क्रय किये जाने वाले नवीन वाहन पर 50 प्रतिशत की छूट देने का प्रावधान।

 प्रादेशिक, संभागीय और जिला स्तर पर त्रिस्तरीय चालन प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना करने का निर्णय।

 वाहनों की मानव हस्तक्षेप रहित पारदर्शी तरीके से फिटनेस जाँच किये जाने के लिये ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सतना, सिंगरौली, उज्जैन एवं देवास जिलों में 16 ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन का संचालन।

 वर्तमान में सड़क परिवहन अधिनियम 1950 के तहत निजी बस ऑपरेटर निर्धारित रूट में समय-सारणी की अनुज्ञा प्राप्त कर सार्वजनिक परिवहन बसों का संचालन कर रहे हैं। इसकी मॉनिटरिंग परिवहन विभाग के अधिकारी एवं ट्रैफिक पुलिस द्वारा की जा रही है।

 मध्यप्रदेश यात्री परिवहन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी की स्थापना। बस स्कीम के माध्यम से प्रथम चरण में इंदौर शहर के 50-60 किलोमीटर की परिधि में रूटों की पहचान कर अधिसूचित किये जाने की प्रक्रिया जारी।

 प्रदेश की सभी बसों की सुचारू मॉनिटरिंग के लिये इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किया जाना प्रस्तावित।

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