Thursday, December 25, 2025

LOGO

BREAKING NEWS
विदेश35 साल बाद सामने आया थियानमेन आंदोलन का सीक्रेट वीडियो, PLA जनरल ने गोली चलाने से किया था इनकार

35 साल बाद सामने आया थियानमेन आंदोलन का सीक्रेट वीडियो, PLA जनरल ने गोली चलाने से किया था इनकार

Post Media
News Logo
Peptech Time
25 दिसंबर 2025, 12:29 pm IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/XOpen Instagram
Copy Link

Advertisement

चीन में 1989 के थियानमेन स्क्वायर लोकतंत्र आंदोलन से जुड़ा एक बेहद अहम और संवेदनशील वीडियो 35 साल बाद सामने आया है। यह वीडियो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जनरल शू छिनशियान के कोर्ट मार्शल का है, जिसमें वे बताते हैं कि उन्होंने छात्र प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने और सैन्य कार्रवाई का आदेश मानने से इनकार क्यों किया था।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, थियानमेन स्क्वायर पर हुए सैन्य एक्शन में हजारों लोगों की मौत की आशंका जताई जाती है। हालांकि चीनी सरकार ने आज तक कोई स्पष्ट आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है। BBC सहित कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या 10 हजार से अधिक बताई गई है।


6 घंटे के वीडियो में क्या बोले जनरल शू?


करीब 6 घंटे लंबे इस वीडियो में जनरल शू छिनशियान कहते हैं कि थियानमेन आंदोलन कोई सशस्त्र विद्रोह नहीं, बल्कि एक राजनीतिक जन आंदोलन था। उनका मानना था कि इस समस्या को बातचीत और राजनीतिक समाधान के जरिए सुलझाया जाना चाहिए था।


उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वे इतिहास में अपराधी के रूप में याद नहीं किए जाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपने सैनिकों को छात्रों पर गोली चलाने का आदेश देने से इनकार कर दिया।


उस समय चीनी सरकार ने उन्हें बीजिंग भेजकर मार्शल लॉ लागू करने और लगभग 15 हजार सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया था, लेकिन जनरल शू ने यह आदेश मानने से इनकार कर दिया।


सरकार की सख्त कार्रवाई


आदेश न मानने के बाद चीनी सरकार ने जनरल शू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी से बाहर कर दिया गया और 5 साल की सजा सुनाई गई।


पिछले महीने ऑनलाइन लीक हुआ वीडियो


जनरल शू छिनशियान के कोर्ट मार्शल का यह वीडियो पिछले महीने ऑनलाइन लीक हुआ। इसके स्रोत की पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन यह वीडियो यूट्यूब पर अब तक 13 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।


थियानमेन आंदोलन के इतिहासकार वू रेनहुआ ने इस वीडियो को साझा किया है। उनके अनुसार, यह वीडियो उस दौर में चीनी सेना के भीतर मौजूद मतभेदों का सबसे मजबूत सबूत है और दिखाता है कि सैन्य नेतृत्व भी सरकार के फैसलों पर एकमत नहीं था।


आज भी चीन में सबसे ज्यादा सेंसर किया जाने वाला मुद्दा


1989 के थियानमेन स्क्वायर आंदोलन और उस पर हुई कार्रवाई आज भी चीन में सबसे ज्यादा सेंसर किए जाने वाले विषयों में शामिल है। इस पर सार्वजनिक चर्चा, इंटरनेट सर्च और मीडिया रिपोर्टिंग पर कड़ी पाबंदियां हैं।


थियानमेन स्क्वायर आंदोलन: क्या हुआ था 1989 में?


साल 1989 में चीन की राजधानी बीजिंग का थियानमेन स्क्वायर एक बड़े जन आंदोलन का केंद्र बना। इसकी शुरुआत छात्रों ने की थी, जो बाद में आम नागरिकों तक फैल गया। प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार खत्म करने, राजनीतिक सुधार और अभिव्यक्ति की आजादी की मांग कर रहे थे।


आंदोलन की शुरुआत अप्रैल 1989 में सुधारवादी नेता हू याओबांग की मौत के बाद हुई। उन्हें राजनीतिक सुधारों का समर्थक माना जाता था। उनकी मृत्यु के बाद हजारों छात्र और नागरिक थियानमेन स्क्वायर पर इकट्ठा हो गए।


13 मई से शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू हुए, जो कई हफ्तों तक चले। हालात बिगड़ने पर सरकार ने बीजिंग में मार्शल लॉ लागू कर दिया।


3-4 जून की रात हुई सैन्य कार्रवाई


3 और 4 जून 1989 की रात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को राजधानी में उतारा गया। टैंकों और हथियारबंद सैनिकों ने थियानमेन स्क्वायर और आसपास के इलाकों को घेर लिया। इसके बाद हुई कार्रवाई में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जाती है।


इसी घटना के दौरान ली गई एक तस्वीर—जिसमें एक अकेला युवक टैंकों के सामने खड़ा दिखाई देता है—आज भी दुनिया भर में विरोध और साहस का प्रतीक मानी जाती है। उस युवक की पहचान आज तक सामने नहीं आई।


सरकारी आंकड़ों में जहां मृतकों की संख्या कुछ सौ बताई गई, वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स इसे हजारों में बताती हैं। 35 साल बाद सामने आया यह वीडियो एक बार फिर उस घटना पर दुनिया का ध्यान खींच रहा है।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)