महुआ मोइत्रा को राहत, दिल्ली हाई काेर्ट ने लोकपाल का आदेश निरस्त किया

Mahua Moitra
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नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति देने वाले लोकपाल के आदेश को निरस्त कर दिया है। जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा कि लोकपाल को महुआ मोइत्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने का आदेश देने से पहले स्वीकृति के पहलू पर विचार करना चाहिए था। उच्च न्यायालय ने 21 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। 12 नवंबर को लोकपाल की पूर्ण पीठ ने लोकपाल कानून की धारा 20(7)(ए) और धारा 23(1) के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ चार हफ्ते में चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया था। सांसद ने अपनी याचिका में लोकपाल के इसी फैसले को चुनौती दी थी। महुआ मोइत्रा ने कहा था कि लोकपाल का आदेश नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है। लोकपाल ने अपना फैसला सुनाने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया।
सीबीआई ने जुलाई में लोकपाल को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस मामले में सीबीआई ने 21 मार्च, 2024 को महुआ मोइत्रा और कारोबारी हीरानंदानी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एफआईआर दर्ज किया था। महुआ मोइत्रा पर आरोप है उन्होंने हीरानंदानी से रिश्वत लेकर अडानी के बारे में सवाल पूछे थे और अपना लॉग-इन पासवर्ड भी हीरानंदानी से साझा किया था।
महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल से कृष्णानगर लोकसभा सीट से सांसद हैं। उनकी 8 दिसंबर, 2023 लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी। संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप को सही मानते हुए संसद की सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा की थी।
