क्या सच में ‘मोबाइल पर बात करती हैं’ बिरहाटा की काली मां?

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बिरहाटा कालीबाड़ी के भक्तों में इन दिनों एक अनोखी चर्चा का विषय बना हुआ है—क्या वास्तव में काली मां मोबाइल फोन से भक्तों से संवाद करती हैं? मंदिर में मां की मूर्ति के पास रखा एंड्रॉयड फोन और उनकी कलाई पर बंधी स्मार्ट वॉच रोज़ चार्ज की जाती है। भक्तों ने ही मां को नया 5G मोबाइल सेट और सिम दिया है, जिसका रिचार्ज भी हर महीने कराया जाता है।
मंदिर के मुख्य पुजारी देबाशीष मुखोपाध्याय बताते हैं कि एक भक्त ने मां के नाम पर फोन भेंट किया था ताकि ‘मां भक्तों से मैसेज कर सकें’। पुजारी फोन अपने पास नहीं रखते, केवल यह सुनिश्चित करते हैं कि फोन बंद न हो। यही कारण है कि फोन और स्मार्ट वॉच दोनों रोज़ चार्ज किए जाते हैं।
भक्तों में अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या मां रात में या मंदिर बंद होने के बाद इस फोन का उपयोग करती हैं, क्योंकि फोन हमेशा सक्रिय रहता है।
सदियों पुराना मंदिर, आस्था का अनोखा रूप
बिरहाटा कालीबाड़ी अविभाजित वर्द्धमान जिले के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर के निर्माण की सटीक तारीख ज्ञात नहीं है, लेकिन स्थानीय मान्यता है कि बांका नदी किनारे मिट्टी हटाते समय मजदूरों को देवी की प्राचीन वेदी दिखाई दी थी।
कहा जाता है कि पुराने समय में इस क्षेत्र में मलेरिया और महामारियों से बचाव के लिए रक्षाकाली या डाक्टकाली की पूजा की जाती थी। 19वीं सदी में वेदी को लकड़ी की बाड़ से घेरा गया और बाद में जंगल काटकर मंदिर क्षेत्र विकसित किया गया। घोषाल परिवार लंबे समय तक पूजा का दायित्व निभाता रहा।
आज भी मंदिर में प्रतिदिन पूजा होती है और भक्तों की आस्था पहले की तरह अटूट है—अब इसमें ‘मोबाइल वाली मां’ की नई धारा भी जुड़ गई है।
