गुणवत्तापूर्ण निर्माण, समयबद्धता और अत्याधुनिक तकनीक लोक निर्माण विभाग का संकल्प : मंत्री श्री सिंह

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लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिसंबर 2023 में प्रदेश में सरकार के गठन के साथ ही “विकसित मध्य प्रदेश” के निर्माण हेतु एक स्पष्ट, ठोस और दूरदर्शी रोडमैप तैयार किया गया। आज लोक निर्माण विभाग पूरे गौरव और आत्मविश्वास के साथ विभाग की उपलब्धियों तथा भविष्य की उस व्यापक और सशक्त रूपरेखा को प्रस्तुत कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत-2047 के विज़न के अनुरूप मध्य प्रदेश का लोक निर्माण विभाग सड़क एवं अवसंरचना विकास के क्षेत्र में तीव्र गति से कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा इन योजनाओं की नियमित समीक्षा तथा समय-समय पर दिए जा रहे मार्गदर्शन के परिणामस्वरूप विभाग की कार्यप्रणाली, क्रियान्वयन क्षमता और निर्माण गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा कि विगत दो वर्षों में “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की भावना को केंद्र में रखकर प्रदेश में अवसंरचना विकास को नई दिशा मिली है। इन प्रयासों से न केवल प्रदेश की सड़क और परिवहन कनेक्टिविटी सुदृढ़ हुई है, बल्कि इससे मध्य प्रदेश के समग्र आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और जनजीवन को भी मजबूती मिली है।उन्होंने कहा कि आने वाले 3 वर्षों में मध्य प्रदेश का दृश्य पूरीतरह बदल चुका होगा। हम एक ऐसे प्रदेश का निर्माणकर रहे हैं जहाँ एक सुदूर गांव का किसान भी एक्सप्रेस-वे के माध्यम से दुनिया के बाजारों से जुड़ सकेगा।
मंत्री श्री सिंह ने प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में आज लगभग 4.2 लाख किमी का रोड नेटवर्क है | लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत वर्तमान मेंकुल 77,268 किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क है। यहनेटवर्क न केवल प्रदेश के प्रमुख शहरों को जोड़ता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मुख्यधारा में लाता है।
सड़क नेटवर्क का वर्गीकरण
राष्ट्रीय राजमार्ग (NH): 9,278 किलोमीटर।
राज्य राजमार्ग (SH): 10,465 किलोमीटर।
मुख्य जिला मार्ग (MDR): 22,517 किलोमीटर।
अन्य जिला एवं ग्रामीण मार्ग: 35,000 किलोमीटर।
गुणवत्ता और क्षमता:
फोरलेन मार्ग: लगभग 6,000 किलोमीटर।
डबल लेन मार्ग: लगभग 13,000 किलोमीटर।
सिंगल/इंटरमीडिएट लेन: शेष मार्ग, जिन्हें भविष्य कीआवश्यकताओं के अनुसार अपग्रेड किया जा रहा है।
हमारा सौभाग्य है कि मध्य प्रदेश भारत के केंद्र में है। हमारी सीमाओं से होकर ही उत्तर भारत का दक्षिण से औरपूर्व का पश्चिम से संपर्क होता है। हमारी लोकेशन ऐडवानटेज की महत्ता को समझते हुए, माननीय मुख्यमंत्रीजी के नेतृत्व में विभाग ने यह किया है कि मध्य प्रदेशकेवल सड़कों का जाल नहीं बिछाएगा, बल्कि वह देश कासबसे आधुनिक 'लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट हब' बनकरउभरेगा।
10 दिसंबर 2025 को मुख्यमंत्री जी के साथ हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में लोक निर्माण विभाग ने केंद्रसरकार के साथ समन्वय कर राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्कको अभूतपूर्व विस्तार देने का मार्ग प्रशस्त किया है।
विगत दो वर्षों की उपलब्धियां
विगत दो वर्षों में हमने तीव्र गति से कार्य किया है। वर्ष 2024-25 में ही 17,284 करोड़ रुपये की लागत सेलगभग 10,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूर्णकिया गया है। साथ ही 6,627 करोड़ से 739 भवनों कानिर्माण कार्य पूर्ण किया है।
प्रमुख उपलब्धियां (फ्लेगशिप प्रोजेक्ट्स):
₹5,745 करोड़ की लागत से पूर्ण किए गए प्रमुख प्रोजेक्ट्स
जबलपुर में दमोह नाका–रानीताल– मदन महल चौक से मेडिकल रोड तक लगभग 7 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया गया है , जो आज शहर में सुगम, सुरक्षित और निर्बाध आवागमन का सशक्त माध्यम बन चुका है। जिसकी लागत है ₹1,238 करोड़ ।
भोपाल मे निर्मित डॉ. भीमराव अंबेडकर फ्लाईओवर – जिसकी लागत है ₹153 करोड़ ।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी 6-लेन कोलार रोड का निर्माण जिससे राजधानी की यातायात व्यवस्था को नई गति मिली है। जिसकी लागत है ₹305 करोड़ ।
न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के तहत ग्वालियर और रीवा में आधुनिक न्यायालय भवन निर्मित किए गए हैं। जिसकी लागत है ₹194 करोड़ ।
स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में नीमच, मंदसौर एवं सिवनी में नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया गया है। जिसकी लागत है ₹889 करोड़।
इसके अतिरिक्त 136 नवीन विद्यालय भवनों का निर्माण कर शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया गया है जिसकी लागत है ₹2,240 करोड़ ।
₹177 स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण कर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है। जिसकी लागत है ₹726 करोड़ ।
वर्तमान में संचालित मेगा प्रोजेक्ट्स
वर्तमान में प्रदेश भर में बड़े स्तर पर निर्माण कार्य चल रहें है ।
एलिवेटेड और विशेष कॉरिडोर
प्रदेश में एलिवेटेड कॉरिडोर, उच्चस्तरीय पुल एवं 111 रेलवे ओवरब्रिज सहित प्रमुख परियोजनाएँ प्रगति पर हैं, जिनकी कुल लागत ₹5,621 करोड़ है।
ग्वालियर में 13 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण प्रगति पर है, जो शहर की यातायात व्यवस्था को नई दिशा देगा, जिसकी लागत है ₹1,064 करोड़।
भोपाल के संत हिरदाराम नगर में 2.6 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की यातायात सुगमता में सुधार होगा, जिसकी लागत है ₹215 करोड़।
नर्मदापुरम में तवा नदी पर फोर-लेन उच्चस्तरीय पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, जिससे आवागमन अधिक सुरक्षित एवं सुचारु होगा, जिसकी लागत है ₹89 करोड़।
इंदौर में 7.45 किलोमीटर लंबा इंदौर एलीवेटेडकॉरिडर का निर्माण जल्द ही शुरू किया जा रहा है जिसकी लागत है 350 करोड़ |
इसके अतिरिक्त, प्रदेश भर में 111 नए रेलवे ओवरब्रिज निर्माणाधीन हैं, जो रेल एवं सड़क यातायात को अधिक सुरक्षित और निर्बाध बनाएंगे, जिसकी कुल लागत है ₹3,903 करोड़।
एक्सप्रेस-वे और हाई-स्पीड मार्ग:
प्रदेश में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए एक्सप्रेस-वे और सिक्स-लेन मार्गों का निर्माण भी तीव्र गति से किया जा रहा है। जिनकी कुल लागत ₹9,644 करोड़ है।
उज्जैन–जावरा एक्सप्रेस-वे का विकास किया जा रहा है, जो क्षेत्रीय संपर्क और औद्योगिक गतिविधियों को गति देगा, जिसकी लागत है ₹5,017 करोड़।
इंदौर–उज्जैन फोर-लेन मार्ग को सिक्स-लेन में उन्नत किया जा रहा है, जिससे दोनों धार्मिक-औद्योगिक नगरों के बीच यातायात अधिक सुगम होगा, जिसकी लागत है ₹1,692 करोड़।
नवीन इंदौर–उज्जैन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो यात्रा समय को उल्लेखनीय रूप से कम करेगा, जिसकी लागत है ₹2,935 करोड़।
ADB & NDB के अंतर्गत परियोजनाएं : जिसकी कुल लागत ₹6,746 करोड़ है।
New Development Bank (NDB) के सहयोगसे 884 किलोमीटर (₹5,812 करोड़) और
Asian Development Bank (ADB) केसहयोग से 257 किलोमीटर (₹934 करोड़) सड़कोंका निर्माण हो रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग
राष्ट्रीय राजमार्गों के क्षेत्र में भी प्रदेश में ऐतिहासिक निवेश किया जा रहा है, इसके अंतर्गत 989 किलोमीटर लंबाई के 55 राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिसकी कुल लागत है ₹14,918 करोड़।।
NHAI के साथ एक लाख करोड़ का एमओयू : इसके अंतर्गत 28,000 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति:
आगरा–ग्वालियर खंड (NH-44) – ग्रीनफील्डसिक्स लेन : ₹4,613 करोड़
बेतूल–खंडवा –खरगोन–जुलवानिया : ₹4,992करोड़
रीवा–सिड़ी खंड (NH-39) – फोर लेन : ₹1,500 करोड़
संदलपुर–नसरुल्लागंज बायपास तक – फोरलेन : ₹1,425 करोड़
ग्वालियर शहर का पश्चिमी फोर लेन बायपास : ₹1,226 करोड़
सागर बायपास – फोर लेन : ₹785 करोड़
अयोध्या नगर बायपास : ₹1,050 करोड़
उज्जैन–झालावाड़ खंड (NH-552G) – फोरलेन : ₹2,232 करोड़
इंदौर रिंग रोड (पश्चिमी एवं पूर्वी बायपास) : ₹6,500 करोड़
जबलपुर–दमोह खंड (NH-34) : ₹2,000 करोड़
महत्वपूर्ण निर्माणाधीन भवन परियोजनाएं
महत्वपूर्ण मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट्स: जिनकी कुल लागत ₹3,146 करोड़ है।
छिंदवाड़ा (₹768 करोड़),
सीहोर (₹714 करोड़ - 500 बेड अस्पताल),
उज्जैन (₹592 करोड़),
छतरपुर (₹300 करोड़),
दमोह (₹266 करोड़),
राजगढ़ (₹256 करोड़), और
मंडला (₹250 करोड़)।
न्यायिक भवन: कुल लागत 871 करोड़
जबलपुर उच्च न्यायालय (₹460 करोड़) और
इंदौर नवीन जिला न्यायालय (₹411 करोड़)।
विधायक विश्रामगृह (भोपाल): ₹160 करोड़ कीलागत से निर्मित होगा ।
प्रदेश में रोपवे का निर्माण
मध्य प्रदेश सरकार ने भारत सरकार की संस्था नेशनल हाईवे लोजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) के साथ MOU साइन किया है जिसके तहत मध्यप्रदेश में 4 रोपवे का निर्माण किया जा रहा है।
इनमे से रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर रोपवे, उज्जैन का निर्माण प्रारंभ हो चुका है।
टिकिटोरिया माता मंदिर रोपवे, सागर का वर्क ऑर्डर जारी हो गया है।
सिंहस्थ 2028 से संबंधित निर्माण
वर्तमान में सिंहस्थ मद में लोक निर्माण विभाग द्वारा 13,274 करोड़ के64 निर्माण कार्य किए जा रहें है।
हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाएं
प्रदेश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के तीव्र, गुणवत्तापूर्ण एवं वित्तीय रूप से सतत विकास के उद्देश्य से हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) को अपनाया गया है।
इस मॉडल मे निजी क्षेत्र की साझेदारी में बड़े और बड़ी सड़क परियोजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।
गत दो वर्षों में HAM मॉडल के अंतर्गत प्रदेश में लगभग 345 किलोमीटर लंबाई की 5 प्रमुख सड़क एवं बायपास परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं, जिनकी कुल अनुमानित लागत ₹12,676 करोड़ है।
* इन परियोजनाओं में
इंदौर–उज्जैन सिक्स लेन मार्ग, -1692 करोड़
उज्जैन–जावरा फोर लेन ग्रीनफील्ड हाईवे- 5017 करोड़
इंदौर–उज्जैन फोर लेन ग्रीनफील्ड हाईवे- 2935 करोड़
नर्मदापुरम–टिमरनी फोर लेन मार्ग- 972 करोड़
सागर–दमोह फोर लेन मार्ग- 2060 करोड़ प्रमुख रूप से शामिल हैं।
ये परियोजनाएँ प्रदेश में तेज़, सुरक्षित और विश्वस्तरीय सड़क कनेक्टिविटी को सशक्त आधार प्रदान करेंगी तथा आर्थिक विकास को नई गति देंगी।
विभागीय नवाचार
लोकपथ मोबाईल एप के माध्यम से 4 दिन मेसड़कों के मरम्मत। 11 हजार से अधिक शिकायतोंका सफल निराकरण।
लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली 15 सितंबर2025 से लागू । निर्माण कार्यों की बजटिंग, स्वीकृति, टेंडरिंग, मेजरमेंट बुक और प्रबंधन कीसंपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन।
भास्कराचार्य संस्थान के सहयोग से :
एरियल दूरी के तुलना कर नए एलाइनमेंट कीप्लानिंग और DPR तैयार करना
रोड नेटवर्क मास्टर प्लान
टाइगर कॉरीडोर के प्लानिंग
लोक निर्माण सर्वेक्षण मोबाईल ऐप के माध्यम से 68,315 किमी की 10778 सड़के, 2633 भवन, 1320 पुल, 503 लोक कल्याण सरोवर, 314 पौधरोपण स्थल मैप किए जा चुके है।
पर्यावरण अनुकूल निर्माण के तहत
प्रत्येक किमी पर वाटर रिचार्ज बोर।
लोक कल्याण सरोवरों का निर्माण: 506 पूर्ण।
वैज्ञानिक पद्धति से ट्री-शिफ्टिंग।
फ्लाईओवर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग।
1 जुलाई 2025 को 2.5 लाख से अधिकपौधरोपण
रोड एसेट मेनेजमेंट सिस्टम (RAMS) के माध्यमसे सड़कों की स्थिति का वैज्ञानिक सर्वेक्षण औरसड़क योजनाओं का निर्माण।
गुणवत्ता नियंत्रण
औचक निरीक्षण: सॉफ्टवेयर द्वारा रेंडम चयनऔर QR कोड आधारित गोपनीय सैंपलिंग।
केवल गवरमेंट रिफाईनरी IOCL, HPCL औरBPCL से (मेक इन इण्डिया बिटूमिन) डामरकी आपूर्ति सुनिश्चित की गई।
₹7.2 करोड़ की लागत से सभी मण्डल स्तरीय14 प्रयोगशालाओं का आधुनिक उपकरणों से उन्नयन किया गया।
स्थल पर ही गुणवत्ता नियंत्रण करने की दिशा में 14 चलित प्रयोगशालाएं का संचालन प्रारंभ किया गया।
निविदा प्रक्रिया में सुधार
10 % से below रेट डालने पर FDR के रूपमें अंतर के राशि की अतिरिक्त परफॉर्मेंसगारंटी,
20% से below रेट डालने पर FDR के रूप मेंअंतर के राशि की दोगुनी अतिरिक्त परफॉर्मेंसगारंटी,
₹2 करोड़ से अधिक पर प्रीक्वालिफिकेशनशर्तें
मशीनो की ओनरशिप और न्यूनतम मेनपावरअनिवार्य ।
प्रशिक्षण
सी.आर.आर.आई., आई.ए.एच.ई., आई.बी.सी., बाईसेग-एन, व अन्य राष्ट्रीयसंस्थानों के माध्यम से विभाग के इंजीनियरोंका प्रशिक्षण
भोपाल मे राष्ट्रीय स्तर के 'इंजीनियरिंग रिसर्चएंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट' की स्थापना।किसकी अनुमानित लागत है 350 करोड़ |
1632 इंजीनियर्स के साथ चर्चा कर ट्रैनिंग नीडअसेस्मेंट और कपैसिटी बिल्डिंग फ्रेमवर्क कानिर्माण |
SOR में नवीन तकनीकों का समायोजन
Full Depth Reclamation (FDR): मौजूदा क्रस्ट को पुनः उपयोग करके सड़कनिर्माण ।
व्हाइट टॉपिंग: डामर की सड़क पर कंक्रीट कीपरत चढ़ा कर सड़क की उम्र 15 साल बढ़ाना।
माइक्रो सरफेसिंग: सड़क की उम्र 2-3 सालबढ़ाने के लिए विशेष डामर की पतली परत ।
ऑटोमेटिक पेच रिपेयर मशीन: वर्षाकाल में गड्ढोंके त्वरित उपचार के लिए लागू।
UHPFRC – अल्ट्रा हाई परफॉर्मेंस फाइबर रिइनफोर्स्ड कंक्रीट
GFRP – ग्लास फाइबर रिइनफोर्स्ड पॉलिमर
आगामी 03 वर्षों की कार्ययोजना
छह प्रमुख एक्सप्रेसवे और प्रगतिपथ परियोजनाओं में: कुल 3,368 किमी लंबाई के विकासपथ निर्माणाधीन/स्वीकृत हैं, जिनकी कुल लागत ₹36,483 करोड़ है, तथा अधिकांश परियोजनाओं का लक्ष्य जून 2028 तक पूर्ण करना निर्धारित है।
नर्मदा प्रगतिपथ 867 किमी लंबाई में ₹5,299 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है, जिसकालक्ष्य जून 2028 तक पूर्ण करना निर्धारित है।
विंध्य एक्स्प्रेसवे 676 किमी लंबा होगा और₹3,809 करोड़ की लागत से निर्मित किया जाएगा, इसे भी जून 2028 तक पूरा किया जाना है।
मालवा–निमाड़ विकासपथ 450 किमी की लंबाईमें ₹7,972 करोड़ की लागत से दिसंबर 2027 तकपूर्ण किया जाएगा।
अटल प्रगतिपथ, जिसकी लंबाई 299 किमी औरलागत ₹12,227 करोड़ है, वर्तमान में निर्माणाधीनहै और पूर्णता का लक्ष्य शीघ्र निर्धारित कियाजाएगा।
बुंदेलखंड विकासपथ 330 किमी में ₹3,357 करोड़की लागत से बनाया जा रहा है, इसका लक्ष्य जून2028 तय है।
मध्य भारत विकासपथ, जिसकी लंबाई 746 किमीऔर लागत ₹3,819 करोड़ है, जून 2028 तक पूराकिया जाएगा।
इन सभी परियोजनाओं के पूर्ण होने से प्रदेश में तेज, सुरक्षित और आधुनिक कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी, साथही औद्योगिक, कृषि और सामाजिक गतिविधियों कोअभूतपूर्व गति मिलेगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग योजनाये
मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों के सुदृढ़ीकरण औरविस्तार के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(NHAI) द्वारा महत्वपूर्ण योजनाएँ तैयार की गई हैं। प्राधिकरण ने प्रदेश में लगभग 28,000 करोड़ रुपयेकी लागत से 948 किलोमीटर के नए सड़क नेटवर्कविस्तार की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया है। यहयोजना राष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय कनेक्टिविटी कोऔर अधिक सुदृढ़ करेगी तथा औद्योगिक, कृषि एवंव्यापारिक गतिविधियों को गति प्रदान करेगी।
प्रमुख आगामी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (DPR स्टेज)पर कुल 1,770 किमी लंबाई की मेगा सड़क परियोजनाएँ प्रस्तावित/निर्माणाधीन हैं, जिनकी कुल लागत ₹79,716 करोड़ है।
ग्वालियर-नागपुर कॉरिडोर: 600 किमी (₹20,000 करोड़)।
लखनादौन-रायपुर मार्ग: 200 किमी (₹9,600 करोड़)।
इंदौर-भोपाल ग्रीनफील्ड: 160 किमी (₹9,716 करोड़)।
जबलपुर-भोपाल ग्रीनफील्ड: 255 किमी(₹13,400 करोड़)।
भोपाल-मंदसौर ग्रीनफील्ड: 320 किमी (₹16,000 करोड़)।
सागर-सतना ग्रीनफील्ड: 235 किमी (₹11,000 करोड़)।
टाइगर कॉरीडोर
देश मे मध्य प्रदेश ही एक मात्र राज्य है जहा हमने NHAI के साथ टाइगर कॉरीडोर का निर्माण करने जा रहें है। इस टाइगर कॉरिडोर की प्रमुख विशेषताएँ:
देश का पहला राज्य-स्तरीय मल्टी-नेशनल पार्क टाइगर कॉरिडोर
NHAI एवं PWD के समन्वय से विकास
वन क्षेत्रों में अंडरपास, स्लो-ट्रैफिक ज़ोन और वाइल्डलाइफ-सेफ डिज़ाइन
टाइगर मूवमेंट, पर्यटन और स्थानीय कनेक्टिविटी का संतुलन
इको-टूरिज़्म और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
लोक निर्माण विभाग की प्रमुख परियोजनाएँ
मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा प्रदेश मेंफोरलेन, सिक्स लेन, बाईपास, एक्सप्रेसवे तथाग्रीनफील्ड कॉरिडोर के विकास के लिए बड़े पैमाने परयोजनाएँ तैयार की जा रही हैं। इन परियोजनाओं काउद्देश्य राज्य की औद्योगिक, कृषि, धार्मिक, शहरी एवंअंतरजिला कनेक्टिविटी को मजबूत करना है।
खजुराहों मे 09 दिसंबर 2025 को आयोजितकैबिनेट बैठक में सागर–दमोह मार्ग को 4-लेन मेंविकसित करने के महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कीगई। कुल 76.68 किमी लंबाई वाले इस प्रोजेक्ट कीलागत ₹2059.85 करोड़ है,
उक्त मार्ग को आगे दमोह से कटनी तक फोरलेनकरने के लिए ₹4,700 करोड़ की परियोजना भी तैयार कीजा रही है। ये दोनों मार्ग संकल्प पत्र मे उल्लेखित विंध्यएक्स्प्रेसवे का भाग है।
इसके अतिरिक्त भोपाल–विदिशा फोरलेन मार्गलागत ₹1,617 करोड़ और बड़वाह–धामनोद फोरलेनमार्ग लागत ₹2,560 करोड़ के प्रस्ताव शीघ्र हीमंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी।
वर्तमान मे खलघाट–मनावर 48 किमी, इंदौर–देपालपुर 32 किमी, दिनारा–दतिया 32 किमी औरबुधनी–इटारसी 36 किमी की DPR तैयार की जा रही है। ये सभी मार्ग क्षेत्रीय लॉजिस्टिक एवं कृषि–व्यापारआवागमन हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
सड़क विकास निगम की अन्य प्रस्तावित परियोजनाए: यह प्रस्तावित परियोजनाएँ मालवा, नर्मदा एवं मध्य क्षेत्र की कनेक्टिविटी को सशक्त बनाएंगी, जिनकी कुल अनुमानित लागत ₹30,047 करोड़ है।
आशापुर–जबलपुर फोरलेन मार्ग 375 किमी - ₹8,000 करोड़
सिवनी–बालाघाट फोरलेन मार्ग 87 किमी - ₹3,260 करोड़
सागर–जबलपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 140 किमी - ₹7,000 करोड़
भोपाल पश्चिमी बाईपास 35.6 किमी - ₹4,594 करोड़
भोपाल पूर्वी बाईपास (6-लेन अपग्रेड) - ₹3,916 करोड़
मेंलुआ जंक्शन–बीना– माल्थोन फोरलेन 67 किमी - ₹2,562 करोड़
चोपड़ा–देवरी –देवास मार्ग 40.65 किमी - ₹715 करोड़
इन परियोजनाओं से मालवा, नर्मदा व मध्य क्षेत्र मेंयातायात प्रवाह और औद्योगिक कनेक्टिविटी को बड़ालाभ मिलेगा।
ग्रामीण कानेक्टिविटी
विभाग ने आगामी 3 वर्षों के लिए मुख्य जिला मार्ग(MDR) और अन्य जिला मार्गों के उन्नयन व निर्माणकी विस्तृत योजना तैयार की है, जिसके तहत 11,310 किमी की 822 नवीन सड़कों का निर्माण कियाजाएगा। यह योजना ग्रामीण–शहरी संपर्क को तेज़, सुरक्षित और सर्व-मौसमी बनाने का आधार बनेगी।
लोक निर्माण विभाग मे हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल(HAM) मॉडल की शुरुआत
लोक निर्माण विभाग भी अब हाइब्रिड एन्यूटीमॉडल पर कार्य करेगा। पहले चरण में 15 मार्गों काचयन किया गया है, जिनकी कुल लंबाई 1,146 किमीऔर अनुमानित लागत: ₹5,139 करोड़ है। यह मॉडलबेहतर गुणवत्ता, समयबद्धता और निजी निवेशभागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।
रोड नेटवर्क मास्टर प्लान
प्रदेश में सड़क नेटवर्क को भविष्य कीआवश्यकताओं के अनुसार विकसित करने हेतु ‘रोडनेटवर्क मास्टर प्लान’ तैयार करने की प्रक्रिया प्रारंभ कीगई है। यह मास्टर प्लान मध्य प्रदेश की आर्थिक, औद्योगिक, धार्मिक, शहरी और ग्रामीण कनेक्टिविटीको एक नई दिशा देगा। इस मास्टर प्लान के रूपरेखाइस प्रकार होगी :
1. हाई-स्पीड कॉरिडोर एवं एक्सप्रेसवे का विस्तार
प्रदेश में तेज गति से आवागमन, लॉजिस्टिक्स मेंसुधार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने हेतुहाई-स्पीड कॉरिडोर और नए एक्सप्रेसवे विकसितकिए जा रहे हैं। इससे न केवल इंटर-सिटी ट्रैवल मेंसुधार होगा बल्कि राष्ट्रीय कॉरिडोर्स से मध्य प्रदेशकी कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी।
2. जिला मुख्यालय एवं नगर निकायों से बेहतर संपर्क
सभी जिला मुख्यालयों को 4-लेन सड़कों से जोड़नेका लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 22 जिले अभीजोड़ना शेष हैं। नगरपालिकाओं एवं नगर पंचायतोंको 2-लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है, वर्तमान में 3 नगरपालिकाएँ और 67 नगर पंचायतें शेष हैं। यहप्रयास प्रदेश के समग्र सामाजिक-आर्थिक परिवहनतंत्र को मजबूत करेगा।
3. औद्योगिक क्षेत्रों एवं मंदिरों तक उन्नत कनेक्टिविटी
औद्योगिक क्षेत्रों, लॉजिस्टिक हब और प्रमुख मंदिरों/तीर्थ स्थलों तक तुरंत और सुरक्षित आवागमनसुनिश्चित करने हेतु 4-लेन/6-लेन सड़कों तथा नईलिंक सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इससेऔद्योगिक निवेश, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्थाको बड़ा लाभ होगा।
4. शहरी विकास - रिंग रोड और एलिवेटेड कॉरिडोर
सभी प्रमुख शहरों मे रिंग रोड, फ्लाईओवर, एलिवेटेडकॉरिडोर्स, का निर्माण किया जाएगा, ताकि एयरपोर्ट, बस टर्मिनल, व्यापारिक क्षेत्रों और घनी आबादी वालेइलाकों की कनेक्टिविटी सुचारू और सुरक्षित बने।
5. PM गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से एरियल डिस्टेंसके आधार पर नई ग्रीनफील्ड सड़कें ऐसी बनाईजाएंगी जिससे शहरों के बीच यात्रा दूरी 20–30% तक कम हो सके। इसके लिए PM Gati Shakti पोर्टल के माध्यम से वैज्ञानिक ढंग से एकरेखण(एलाइनमेंट) तैयार किए जा रहे हैं, ताकि समय औरधन दोनों की बचत हो सके।
6. पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर ऐसे कई एलाइनमेंट हमने चिन्हित किए हैं जिनकी डीपीआर तैयार करने का काम जारी है। उदाहरण के लिए शाजापुर - भोपाल : वर्तमान दूरी 155 किलोमीटर है जो नए एलाइनमेंट से घाट कर 111 किलोमीटर का होगा|
7. पहाड़ी/घाट क्षेत्रों में टनलिंग की योजना
जहाँ अत्यधिक घुमावदार पहाड़ी मार्गों में चौड़ीकरणसंभव नहीं है, वहाँ टनल के माध्यम से कानेक्टिविटीप्रदान की जाएगी । इसके माध्यम से कठिन भू-भागमें भी तेज, सुरक्षित और निर्बाध आवागमन संभव होसकेगा।
8. वन्यजीव-अनुकूल सड़क निर्माण
वन्यजीव संवेदनशील क्षेत्रों में सड़क निर्माण कोपर्यावरण-संवेदनशील रूप से विकसित किया जारहा है। वन क्षेत्रों मे वन्य जीवों के लिए अन्डर पासबनाए जाएंगे।
9. महानगरीय क्षेत्रों के लिए विशेष सहयोग
इंदौर और भोपाल महानगरों में गठित मेट्रोपॉलिटनक्षेत्र विकास प्राधिकरणों के साथ समन्वय करट्रैफिक दबाव कम करने, मास ट्रांज़िट सुविधाएँमजबूत करने, शहरी विस्तार के अनुरूप नई सड़कोंकी प्लानिंग की जाएगी।
सड़कों का रखरखाव
लोक निर्माण विभाग और सड़क विकास निगमअब सड़कों के रखरखाव के लिए शॉर्ट टर्म मेंटिनेंसकॉन्ट्रैक्ट (STMC) और परफॉर्मेंस बेस्ड मेंटिनेंसकॉन्ट्रैक्ट (PBMC) प्रणाली पर कार्य करने जा रहे हैं। वर्तमान योजना के अनुसार विभागीय संधारण मेंउपलब्ध कुल 12,690 किलोमीटर सड़कों को इन दोनोंआधुनिक रखरखाव प्रणालियों के तहत चिन्हित कियागया है।
प्रथम चरण में 3,000 किलोमीटर सड़कों कारखरखाव शॉर्ट टर्म मेंटिनेंस कॉन्ट्रैक्ट के तहत कियाजाएगा, जबकि 6,000 किलोमीटर सड़कों को परफॉर्मेंसबेस्ड मेंटिनेंस कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत लिया जाएगा। इस नईप्रणाली के लागू होने से सड़कों के रखरखाव में गति, गुणवत्ता और जवाबदेही बढ़ेगी तथा नागरिकों को बेहतरऔर सुरक्षित सड़क अवसंरचना उपलब्ध होगी।
ग्रीन बिल्डिंग मापदंडों पर भवन निर्माण
भविष्य में लोक निर्माण विभाग द्वारा सभी भवनों का निर्माण ग्रीन बिल्डिंग मापदंडों के अनुसार किया जाएगा। ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, प्राकृतिक रोशनी, पर्यावरण–अनुकूल सामग्री और कार्बन उत्सर्जन में कमी को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि विकास के साथ पर्यावरण संतुलन भी सुनिश्चित हो
