कड़ाके की ठंड में भी आतंकियों पर शिकंजा, किश्तवाड़-डोडा में सुरक्षाबलों का अभियान तेज

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जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड और 40 दिन की चिल्लई कलां के बावजूद सुरक्षाबलों ने आतंकवाद के खिलाफ अभियान और तेज कर दिया है। किश्तवाड़ और डोडा जिलों के बर्फ से ढंके ऊंचे और दुर्गम पहाड़ी इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबल इन क्षेत्रों में चौबीसों घंटे निगरानी बनाए हुए हैं।
खुफिया आकलन के अनुसार जम्मू क्षेत्र में इस समय करीब 30 से 35 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं। लगातार सर्च ऑपरेशनों और स्थानीय समर्थन कमजोर पड़ने के चलते आतंकी आबादी वाले इलाकों से दूर मध्य और ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में छिपने की कोशिश कर रहे हैं।
सेना ने ऊंची पहाड़ियों, जंगलों और घाटियों में अस्थायी बेस, निगरानी पोस्ट और गश्ती ग्रिड स्थापित कर नियमित पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। पहले सर्दियों के मौसम में आतंकी गतिविधियों में कमी देखी जाती थी, लेकिन अब सुरक्षाबलों ने प्रो-एक्टिव विंटर स्ट्रैटजी अपनाई है। इसके तहत स्पेशल विंटर वॉरफेयर यूनिट्स भी तैनात की गई हैं।
यह अभियान जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), सिविल प्रशासन, वन विभाग और ग्राम रक्षा दल (VDG) के साथ समन्वय में चलाया जा रहा है। आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन, थर्मल इमेजर, ग्राउंड सेंसर और रडार जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
80 से ज्यादा गांवों में सर्च ऑपरेशन
सूत्रों के अनुसार, किश्तवाड़ और डोडा के 80 से अधिक गांवों में भी सघन सर्च ऑपरेशन जारी हैं। सुरक्षाबलों का लक्ष्य आतंकियों को पूरी तरह खत्म करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे दुर्गम और दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों में भी पनाह न ले सकें।
