भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा कन्वर्जन: डॉ अश्विनी उपाध्याय

Dr. Ashwani Upadhyay
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पं. गणेश प्रसाद मिश्र की स्मृति में राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर हुई नौंवी व्याख्यानमाला
छतरपुर। पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर पंडित गणेश प्रसाद मिश्र की स्मृति में नौंवी व्याख्यान माला का आयोजन रविवार को ऑडिटोरियम में किया गया। मुख्य वक्ता सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय थे। विशिष्ट अतिथि इतिहासकार डॉ कन्हैया लाल अग्रवाल थे जबकि अध्यक्षता डॉ विनोद रावत ने की। न्यास अध्यक्ष डॉ राकेश मिश्रा ने प्रस्तावना रखी। उन्होंने सेवा न्यास के कार्यों पर भी प्रकाश डाला तथा आगामी कार्यक्रमों से अवगत कराया। कमलकांत उर्फ बॉबी असाटी द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। डॉ रचना मिश्रा की पुस्तक प्रबोध चंद्रोदय का सांस्कृतिक अध्ययन का विमोचन किया गया। संचालन नीरज भार्गव ने किया।
प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक व ओजस्वी वक्ता श्री उपाध्याय ने कहा कि अंग्रेज और मुगल भारत में सत्ता हथियाने के लिए नहीं बल्कि धर्म को फैलाने आए थे। उन्होंने कहा कि लव जेहाद, लैंड जेहाद, घुसपैठियों की मदद सब कन्वर्टेड हिन्दू करते हैं। यानि भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा कन्वर्जन है। जिस कन्वर्जन को रोकने के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिए वह बीमारी घटी नहीं बल्कि बढ़ गई है। मुगल तलवार की दम पर करते थे और अंग्रेज कानून की दम पर। इसलिए इस देश में कन्वर्जन की सप्लाई रोकनी होगी।
श्री उपाध्याय ने कहा कि धर्मांतरण प्लांड क्राइम है यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। धर्मांतरण एक तरह से आतंकी गतिविधि है। इसे रोकने के लिए राम नीति यानि भय बिनु होय न प्रीति और कृष्ण नीति यानि सठे साठयम समाचरेत व्यवस्था लागू करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि कन्वर्जन रोकना है तो कानून बदलना पड़ेगा। इसलिए महीने में एक बार अपने सांसद, विधायक से जरूर मिलिए और सवाल कीजिए। आंकड़े देते हुए श्री उपाध्याय ने बताया कि साल में 5 लाख बेटियां लव जेहाद का शिकार होतीं हैं और रोजाना 1500 परिवारों का धर्मांतरण होता है। देश में 5 करोड़ घुसपैठिए आ चुके हैं। डेमोग्राफी का इंबैलेंस नहीं रुका तो 25 साल बाद भयानक बड़ा खतरा सामने आएगा। उन्होंने भारत को भ्रष्टाचार से भी बहुत बड़ा खतरा बताया। उन्होंने बताया कि भारत में 40 लाख एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड और 40 लाख एकड़ पर मिशनरियों का कब्जा है। हमारा मठ मंदिर सरकार के कंट्रोल में जबकि एक भी मस्जिद कंट्रोल में नहीं। हलाल की 50 हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था है। नकली दवाओं का पैसा, हवाला, ड्रग्स का पैसा कन्वर्जन में जा रहा। सरकार को इन पर कंट्रोल करना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत की डेमोग्राफी बदल जाने पर क्या रहेगा? ये परंपराएं तक नहीं रहेंगी। उन्होंने कहा कि भारत की एक भी समस्या न तो लाइलाज है और न विश्वव्यापी है। घूसखोरी, कमीशनखोरी, जमाखोरी, मिलावटखोरी, नक्सलवाद, जेहाद, जनसंख्या विस्फोट की समस्या केवल भारत में है और कहते हैं कलयुग है। जबकि सिंगापुर, जापान और आस्ट्रेलिया सहित दुनिया के कई देशों में आज भी सतयुग है। श्री उपाध्याय ने कहा कि जिस देश का सिस्टम अच्छा होता है वहां सतयुग और जिस देश का सिस्टम बिगड़ जाता है वहां कलयुग होता है। उन्होंने कहा कि हम कहते है भारत केवल संविधान से चलेगा। लेकिन संविधान की शपथ लेने वालों ने संविधान के साथ बहुत धोखा किया है। कांवेंट स्कूल में पढ़े जजों ने धर्म और मजहब में अंतर नहीं समझा। श्री उपाध्याय ने संविधान की पुस्तक दिखाते हुए कहा कि संविधान धर्म करने की इजाजत देता है धर्मांतरण की नहीं। उन्होंने साफ कहा कि देश में सारे सिस्टम गुलामी के चल रहे हैं। संविधान के आर्टिकल 30 के बारे में सबसे बड़ी गलती करते हुए व्याख्या की गई कि जो अल्पसंख्यक हैं उन्हें एजुकेशन इंस्टीट्यूट खोलने के अधिकार दिए। एक को मदरसा खोलने का अधिकार दे दिया। जबकि संविधान अनुमति ही नहीं देता। श्री उपाध्याय ने सवाल किया कि मजहब के आधार पर जब देश का विभाजन हो गया फिर मजहब के आधार पर तमाम योजनाएं क्यों चल रहीं हैं।
विशिष्ट अतिथि इतिहासकार डॉ कन्हैया लाल अग्रवाल ने बताया कि प्रबोध चंद्रोदय पुस्तक कृष्ण मिश्र ने लिखी वे चंदेल राजाओं के काल में साहित्यकार थे। उन्होंने प्रतीक के रूप में अपनी कहानी कही है। इसमें राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक वर्णन है। इसके कुछ दृश्य खजुराहो के लक्ष्मण मंदिर में अंकित किए गए हैं। प्रबोध चंद्रोदय ग्रन्थ लिखा क्यों गया इसका वर्णन उन्होंने किया। उन्होंने बताया कि महोबा की स्थापना राजा नन्नू ने की। उसका जन्म देवेन्द्रनगर में हुआ। राज्य बढ़ाने वह महोबा पहुंचा और उसने वहां महोत्सव यज्ञ किया जिसका नाम बिगड़ कर महोबा हो गया।
न्यास अध्यक्ष डॉ राकेश मिश्रा ने बताया कि विराट व्यक्तित्व और महान कर्मयोगी मेरे पिता पं.गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दा जी) की स्मृतियों को संजोने, उनके सेवाभावी संदेश से समाज को सशक्त बनाने के लिए माता शांति मिश्रा जी की प्रेरणा से 2017 में पं. गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दाजी) के नाम पर स्थापित पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में जो निरंतर कार्य किये हैं। हर वर्ष सेवा न्यास ने सेवा भावी होकर समाज को सशक्त बनाने के लिए क्रियाशील रहा। विभिन्न वर्गों के लोगों की समस्याओं के समाधान का प्रयास किया गया। स्थापना के बाद से ही न्यास की ओर से स्थायी एवं सामयिक कार्यों की लंबी सूची है। न्यास की ओर से भीमकुंड में सभा मंडपम का निर्माण, 46 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, किसानों की समृद्धि के लिए किसानों को सब्जी का प्रमाणिक बीज उपलब्ध कराना, प्रतिभा सम्मान समारोह, मैराथन का आयोजन, माघ मेला, महाकुंभ में शिविर, स्वच्छता अभियान एवं वृक्षारोपण का कार्यक्रम चलाया गया।
कार्यक्रम में विधायक ललिता यादव, पूर्व विधायक उमेश शुक्ला, पुष्पेंद्र नाथ पाठक, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो राकेश सिंह, प्रो एसपी जैन, डॉ एमपीएन खरे, डॉ सुनील चौरसिया, जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष लखन द्विवेदी सहित अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी, डॉ विज्ञान देव मिश्रा, पेंशनर्स संगठन के पदाधिकारी, राकेश पाठक, हिन्दू संगठनों, स्वत्रंत्रता संग्राम सेनानी संगठन, बड़ी संख्या में प्राध्यापक, शिक्षक, छात्र- छात्राएं, गौ रक्षक, पत्रकारगण सहित जिले व शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।
