4500 रुपये में रक्त का सौदा: जिला अस्पताल के सामने तीन ब्लड दलाल गिरफ्तार, स्टिंग ऑपरेशन से हड़कंप

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सतना।
जिला अस्पताल में थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने के गंभीर मामले की जांच अभी जारी ही है कि इसी बीच एक स्टिंग ऑपरेशन ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। गुरुवार को सामने आए इस मामले में 4500 रुपये में अवैध रूप से रक्त उपलब्ध कराने का सौदा करते हुए तीन ब्लड दलालों को गिरफ्तार किया गया है।
एसडीएम सिटी के ड्राइवर ने रक्त की जरूरत बताकर ग्राहक बनते हुए रजनीश साहू पिता शुभकरण साहू, निवासी करसरा थाना सिंहपुर से संपर्क किया। बातचीत के दौरान दलाली का खुलासा होने पर एसडीएम राहुल सिलड़िया के निर्देशन में कार्रवाई की गई। टीम ने जिला अस्पताल के सामने एक चाय की दुकान से रजनीश साहू को रंगे हाथों पकड़ा, जो 4500 रुपये लेकर रक्त उपलब्ध कराने का दावा कर रहा था। इसी दौरान उसके साथ मौजूद मोहम्मद कैफ निवासी कामता टोला और अनिल गुप्ता निवासी टिकुरिया टोला को भी हिरासत में लिया गया।
कार्रवाई के दौरान आरोपियों के पास से नकद राशि बरामद की गई है। पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में आरोपी खुलेआम ब्लड उपलब्ध कराने की बात करते नजर आ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आरोपी लंबे समय से जिला अस्पताल के आसपास सक्रिय था और जरूरतमंद मरीजों व उनके परिजनों को अपने जाल में फंसाकर अवैध रूप से रक्त उपलब्ध कराने का धंधा कर रहा था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। यह भी जांच की जा रही है कि इस अवैध गतिविधि के पीछे कोई संगठित गिरोह तो नहीं है और क्या अस्पताल या ब्लड बैंक से जुड़े किसी कर्मचारी की इसमें संलिप्तता है।
गौरतलब है कि जिला अस्पताल पहले से ही एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने के मामले को लेकर जांच के घेरे में है। ऐसे में स्टिंग ऑपरेशन के जरिए दलालों की गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिस्टम में गड़बड़ियां अभी भी बनी हुई हैं। अब सभी की निगाहें पुलिस जांच और स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए जाने वाले ठोस कदमों पर टिकी हैं।
