बांग्लादेश का झूठ हुआ उजागर, दावा था हादी का हत्यारा भारत में है पर निकला दुबई में

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बांग्लादेश के चर्चित युवा नेता उस्मान हादी की हत्या के मामले में एक नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। इस मामले के मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद ने एक वीडियो संदेश जारी कर उन तमाम दावों को झूठा साबित कर दिया है, जिनमें उसके भारत भाग जाने की बात कही जा रही थी। फैसल ने स्पष्ट किया है कि वह भारत में नहीं, बल्कि दुबई में छिपा है। इस खुलासे ने बांग्लादेशी सुरक्षा एजेंसियों के उन आधिकारिक बयानों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनमें भारत की सीमा सुरक्षा पर उंगली उठाई गई थी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में फैसल करीम मसूद ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उस्मान हादी की हत्या में उसकी कोई भूमिका नहीं है। उसने दावा किया कि उसे और उसके परिवार को राजनीतिक साजिश के तहत झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। वीडियो में फैसल ने कहा, मैंने हादी की हत्या नहीं की है। मैं अपनी जान बचाने के लिए दुबई आया हूं। हादी जमात से जुड़े थे और मुमकिन है कि उनके ही संगठन के लोगों ने उन पर हमला किया हो। फैसल ने आगे बताया कि वह एक आईटी कंपनी का मालिक है और उस्मान हादी से उसकी मुलाकात केवल व्यावसायिक कारणों से होती थी। उसने यह भी स्वीकार किया कि सरकारी ठेके दिलाने के वादे के बदले उसने हादी को राजनीतिक चंदा दिया था, जिसका किसी आपराधिक गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं था।
यह पूरा मामला 12 दिसंबर का है, जब ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान उस्मान हादी के सिर में गोली मार दी गई थी। गंभीर रूप से घायल हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 18 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया। उस्मान हादी इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे और उन्होंने जुलाई-अगस्त 2024 के उस जनआंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी, जिसके कारण शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। वह आगामी 12 फरवरी को होने वाले चुनावों में संसदीय उम्मीदवार भी थे, जिसके चलते उनकी हत्या ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था।
हत्याकांड के बाद ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एस.एन. नज़रुल इस्लाम ने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद और एक अन्य आरोपी आलमगीर शेख भारत भाग गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों हलुआघाट बॉर्डर से भारत में दाखिल हुए और मेघालय में स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की। हालांकि, मेघालय में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के आईजी ओ.पी. उपाध्याय ने तत्काल इन दावों को खारिज कर दिया था। अब फैसल के वीडियो और आधिकारिक दस्तावेजों ने भी इसकी पुष्टि कर दी है कि उसके पास दिसंबर 2022 में जारी पांच साल का मल्टी-एंट्री यूएई वीजा है और वह इसी के आधार पर दुबई पहुंचा है। इस घटनाक्रम ने पड़ोसी देश द्वारा लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा दिया है।
