Wednesday, December 31, 2025

LOGO

BREAKING NEWS
विदेशअमेरिका के बाद चीन ने ठोका दावा कहा- भारत पाकिस्तान के बीच शांति ड्रेगन ने कराई

अमेरिका के बाद चीन ने ठोका दावा कहा- भारत पाकिस्तान के बीच शांति ड्रेगन ने कराई

Post Media
News Logo
Peptech Time
31 दिसंबर 2025, 09:51 am IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/XOpen Instagram
Copy Link

Advertisement

वैश्विक भू-राजनीति में बढ़ती उथल-पुथल के बीच चीन ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि उसने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सशस्त्र संघर्ष को सुलझाने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। बीजिंग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हालातों और चीन के विदेश संबंधों पर आधारित एक संगोष्ठी में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चीन द्वारा सुलझाए गए प्रमुख संवेदनशील मुद्दों में भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव भी शामिल रहा। वांग यी के इस दावे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई चर्चा छेड़ दी है, क्योंकि भारत सदैव तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध करता रहा है।


संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वांग यी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद यह साल स्थानीय युद्धों और सीमा पार संघर्षों के लिहाज से सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि चीन ने स्थायी शांति स्थापित करने के लिए एक वस्तुनिष्ठ और तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाया, जिसका उद्देश्य समस्याओं के लक्षणों और उनके मूल कारणों, दोनों का समाधान करना था। चीनी विदेश मंत्री ने सूची गिनाते हुए कहा कि उनके देश ने न केवल भारत-पाकिस्तान तनाव, बल्कि उत्तरी म्यांमार, ईरान के परमाणु मुद्दे, फलस्तीन-इजराइल और कंबोडिया-थाईलैंड के बीच संघर्षों में भी मध्यस्थता की है। चीन के अनुसार, उसके इस कूटनीतिक दृष्टिकोण का उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करना है।


हालांकि, चीन का यह दावा भारत के आधिकारिक रुख से मेल नहीं खाता है। भारत स्पष्ट रूप से कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ उसके सभी विवाद द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी भी तीसरे देश के हस्तक्षेप के लिए कोई स्थान नहीं है। इस वर्ष 7 से 10 मई के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के संदर्भ में भारत का कहना है कि इसका समाधान दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हुई सीधी बातचीत के माध्यम से हुआ था। ज्ञात हो कि भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय आतंकवादी ठिकानों के विरुद्ध ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। उस दौरान चीन की भूमिका, विशेष रूप से पाकिस्तान को दी गई सैन्य सहायता और उसके बाद संयम बरतने की अपीलों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना और जांच की गई थी।


इस कूटनीतिक खींचतान के बीच वांग यी ने भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार के संकेतों का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस वर्ष अगस्त में तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन की सफलता पर प्रकाश डाला और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बीजिंग द्वारा दिए गए निमंत्रण का जिक्र किया। चीनी मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के रिश्तों में अब एक सकारात्मक गति देखने को मिल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन का अपने पड़ोसी देशों के साथ जुड़ाव अब साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण के एक नए और अधिक तीव्र चरण में प्रवेश कर गया है। चीन के इन दावों और भारत की द्विपक्षीय वार्ता की नीति के बीच यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में दक्षिण एशिया के सुरक्षा समीकरण किस दिशा में मुड़ते हैं।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)