Thursday, December 11, 2025

LOGO

BREAKING NEWS
धर्म एवं ज्योतिषक्या 2026 इसलिए होगा खास? ज्येष्ठ अधिकमास से क्यों बन रहा है दुर्लभ और शुभ संयोग

क्या 2026 इसलिए होगा खास? ज्येष्ठ अधिकमास से क्यों बन रहा है दुर्लभ और शुभ संयोग

Post Media
News Logo
Peptech Time
11 दिसंबर 2025, 11:08 am IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/XOpen Instagram
Copy Link

Advertisement

हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 एक अनोखी खगोलीय घटना लेकर आ रहा है। इस वर्ष पंचांग में 13 महीने होंगे, क्योंकि अधिकमास पड़ रहा है—और वह भी ज्येष्ठ माह में। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार यह संयोग अत्यंत दुर्लभ और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक फलदायी माना गया है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य अमर डिब्बेवाला बताते हैं कि विक्रम संवत 2082 में बन रहा यह अद्भुत योग सिंहस्थ कुंभ से पहले पड़ने वाले शुभ काल को और भी प्रभावशाली बना देगा।



क्या होता है अधिकमास?
हर 2–3 वर्ष में पंचांग में एक अतिरिक्त चंद्र मास जुड़ जाता है, जिसे अधिकमास कहते हैं। यह तब बनता है जब पूरे चंद्र मास में सूर्य किसी भी राशि में प्रवेश नहीं करता। चंद्र और सौर गति में संतुलन बैठाने के लिए यह महीना जोड़ा जाता है। इसे अधिकमास, अध्याय मास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है।



अधिकमास का धार्मिक महत्व
धर्मग्रंथों में अधिकमास को बेहद पवित्र माना गया है। इस महीने में किए गए व्रत, जप, तप, दान-पुण्य और पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
2026 में यह अधिकमास ज्येष्ठ में आ रहा है, इसलिए यह साल आध्यात्मिक रूप से और भी महत्वपूर्ण होगा।



क्यों बढ़ जाता है एक महीना?
ज्योतिषाचार्य डिब्बेवाला बताते हैं कि समय की सूक्ष्म गणना—घंटा, मिनट, कला, विकला—दिन, सप्ताह और महीने का निर्माण करती है। इसी तिथि-गणना के उतार-चढ़ाव के कारण लगभग हर तीन वर्ष में अधिकमास बनता है।



इस बार 58–59 दिन का होगा ज्येष्ठ का काल
2026 में ज्येष्ठ का समय लगभग 58–59 दिनों का होगा। यही विस्तारित अवधि अधिकमास कहलाती है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है और भगवान पुरुषोत्तम की विशेष साधना की जाती है।



अधिकमास में क्या करें?
इस महीने में विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं:

तीर्थ यात्रा

भागवत कथा

भजन-कीर्तन

ब्राह्मणों को दान

पवित्र नदियों में स्नान

शिप्रा स्नान के बाद महाकालेश्वर मंदिर में पूजन और पितरों का तर्पण

विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य इस अवधि में नहीं किए जाते।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)