अडाणी ग्रुप का डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में बड़ा दांव, ₹1.8 लाख करोड़ निवेश की योजना

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अडाणी ग्रुप ने अगले वर्ष डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में करीब ₹1.8 लाख करोड़ के निवेश की योजना बनाई है। इस निवेश के जरिए कंपनी मानवरहित (Unmanned) और ऑटोनॉमस सिस्टम्स, एडवांस्ड गाइडेड वेपन्स तथा भविष्य की लड़ाई की जरूरतों के अनुरूप अत्याधुनिक रक्षा उत्पादों के निर्माण पर जोर देगी।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे सैन्य अभियानों में अडाणी ग्रुप के मिलिट्री हार्डवेयर का उपयोग किया जा चुका है। अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस अगले साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस, सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक्स, साथ ही बड़े पैमाने पर मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) तथा ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करेगी।
तीनों सेनाओं में शामिल अडाणी के हथियारों और सिस्टम्स के चलते अडाणी डिफेंस देश के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड प्राइवेट सेक्टर डिफेंस प्लेयर्स में से एक के रूप में उभरा है। वर्ष 2025 में इसके कई सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में किया गया था।
ड्रोन और गाइडेड वेपन्स में मजबूती
2025 में कंपनी के ‘दृष्टि-10’ मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) को लंबी दूरी के इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टोही (ISR) मिशनों के लिए भारतीय नौसेना और सेना में शामिल किया गया। इसके अलावा, अडाणी के काउंटर-ड्रोन सिस्टम ने सेना, नौसेना और वायु सेना के ट्रायल सफलतापूर्वक पास किए हैं।
गाइडेड वेपन्स के क्षेत्र में कंपनी के ‘अग्निका’ लॉइटरिंग म्यूनिशन्स ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में अपनी क्षमता साबित की है। वहीं, कंधे पर रखकर दागी जाने वाली मिसाइल प्रणाली ARKA MANPADS को भी तीनों सेनाओं के लिए तैयार कर लिया गया है।
ऑटोनॉमस सिस्टम्स पर फोकस
ऑटोनॉमस सिस्टम्स ऐसे प्लेटफॉर्म होते हैं जो हवा, पानी और जमीन पर बिना मानव संचालन के काम करते हैं। ये सेंसर, सॉफ्टवेयर और सुरक्षित नेटवर्क के जरिए कम मानवीय हस्तक्षेप में मिशन पूरा करते हैं, जिससे सैनिकों की सुरक्षा बढ़ती है।
हवा में ड्रोन जासूसी, निगरानी और सटीक सहायता प्रदान करते हैं, जबकि पानी में बिना क्रू वाले जहाज निगरानी, अंडरवॉटर ऑपरेशंस और माइंस हटाने में मदद करते हैं। जमीन पर ये सिस्टम लॉजिस्टिक्स, जासूसी, बम निरोधक और सीमा सुरक्षा में उपयोगी साबित होते हैं।
प्राइवेट डिफेंस में 25% हिस्सेदारी का लक्ष्य
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडाणी ग्रुप का लक्ष्य वर्ष 2026 तक प्राइवेट डिफेंस सेक्टर में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना है। इसके तहत हवा, पानी और जमीन पर ड्रोन क्षमताओं का विस्तार, सटीक हमलों की क्षमता में वृद्धि, सर्विस और ट्रेनिंग सेंटर्स का विस्तार किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह निवेश न केवल भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती देगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
