आरबीआई की इस रिपोर्ट ने लगाई डॉ. मोहन यादव के कुशल प्रबंधन पर मुहर...?

आरबीआई की रिपोर्ट ने लगाई डॉ. मोहन यादव के कुशल प्रबंधन पर मुहर
Advertisement
भोपाल। भारतीय रिज़र्व बैंक की ताज़ा राज्य-वित्तीय रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश की आर्थिक नीतियों और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल प्रबंधन पर मुहर लगा दी है। देश भर में राज्यों पर बढ़ते सरकारी कर्ज की चिंताजनक स्थिति के बीच मध्य प्रदेश ने वित्तीय अनुशासन का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। रिपोर्ट के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि देश के जिन 10 बड़े राज्यों पर सबसे अधिक कर्ज है, उनमें मध्य प्रदेश पर कर्ज का बोझ सबसे कम है। यह आँकड़ा बताता है कि डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार विकास की गति को बनाए रखते हुए वित्तीय स्थिरता के साथ आगे बढ़ रही है।
बीते पाँच वर्षों में जहाँ देश के सभी राज्यों का संयुक्त कर्ज 74 प्रतिशत की भारी वृद्धि के साथ 83.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है, वहीं मध्य प्रदेश ने खुद को इस अनियंत्रित दौड़ से बचाए रखा है। आंकड़ों पर नज़र डालें तो तमिलनाडु 8.3 लाख करोड़ रुपये के भारी-भरकम कर्ज के साथ सूची में सबसे ऊपर है, जबकि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों पर भी कर्ज का भारी दबाव है। इन सभी बड़े राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश पर कुल बकाया कर्ज 4.2 लाख करोड़ रुपये है, जो इस सूची में शामिल दस राज्यों में सबसे न्यूनतम स्तर पर है। केरल और गुजरात जैसे राज्यों की तुलना में भी मध्य प्रदेश की स्थिति बेहतर दिखाई देती है, जो यह सिद्ध करता है कि प्रदेश सरकार वित्तीय संसाधनों का उपयोग बेहद जिम्मेदारी और पारदर्शिता से कर रही है।
आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, कर्ज लेना हमेशा नकारात्मक नहीं होता यदि उसका उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर और दीर्घावधि के विकास कार्यों में हो। मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में इसी संतुलित मॉडल को अपनाया है। राज्य में सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक योजनाओं पर बड़ा खर्च करने के बावजूद, सरकार ने वित्तीय अनुशासन को बिगड़ने नहीं दिया। जहाँ देश के कई अन्य राज्य चुनावी वादों और सब्सिडी के असंतुलित ढाँचों के कारण आर्थिक दबाव झेल रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश ने राजस्व वृद्धि और खर्च में तालमेल बिठाकर एक नज़ीर पेश की है। आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में भविष्य के लिए जिस संतुलित विकास की रणनीति अपनाने की सलाह दी है, मध्य प्रदेश उस दिशा में पहले ही मजबूती से कदम बढ़ा चुका है।
