Friday, December 5, 2025

LOGO

BREAKING NEWS
मध्य प्रदेशउज्जैनसिंहस्थ 2028 से पहले शिप्रा की हालत सवालों में

सिंहस्थ 2028 से पहले शिप्रा की हालत सवालों में

Post Media
News Logo
Peptech Time
5 दिसंबर 2025, 10:30 am IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/X
Copy Link

Advertisement

गुरुवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष तथा मां मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार के प्रमुख श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, परिषद महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, दत्त अखाड़ा के गादीपति पीर श्रीमहंत सुंदर पुरी महाराज सहित अन्य संतों ने शिप्रा के हरिहर घाट से छोटी रपट तक निरीक्षण किया। संतों ने जल का आचमन किया और बताया कि रामघाट क्षेत्र में शिप्रा का जल अब आचमन योग्य स्थिति में नहीं है।

संतों ने शासन और प्रशासन से कहा कि सिंहस्थ 2028 के लिए बड़े निर्माण कार्यों पर ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन मुख्य आकर्षण शिप्रा नदी का शुद्धिकरण अभी भी उपेक्षित है। उन्होंने मांग की कि समय रहते शिप्रा के जल को शुद्ध करने, प्रवाह बढ़ाने और नदी को उसके मूल स्वरूप में लौटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।


गाद हटाने की मांग फिर तेज

क्या शिप्रा का प्राकृतिक जल प्रवाह रोका हुआ है?

अखाड़ा परिषद महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि सिंहस्थ 2016 से पहले रामघाट के कुछ हिस्सों में गाद निकाली गई थी जिसने जल प्रवाह को बेहतर किया था। अब फिर से—जहां नए घाटों का निर्माण शुरू हो रहा है, वहां से लेकर पूरे रामघाट क्षेत्र में—बड़ी मशीनें उतारकर गाद निकालने की आवश्यकता है, ताकि नदी का रुका हुआ जल स्रोत पुनः सक्रिय हो सके।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ के दौरान ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र देकर शिप्रा शुद्धिकरण और गहरीकरण को प्राथमिकता में शामिल करने की मांग की गई थी।

संतों का कहना है कि सिंहस्थ 2028 में लाखों श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण शिप्रा नदी होगी, इसलिए उसकी पवित्रता और स्वच्छता पर अब देरी नहीं की जा सकती।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)