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बिना विदाई के वापिस लौटा दहेज लोभी दूल्हा, रोती रह गई दुल्हन...!

बेटी की शादी टूटने के बाद बिलखते हुए परिजन
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छतरपुर। बेटी एमबीए कर रही थी, अच्छे घर में उसकी शादी पक्की हुई थी, लेकिन दहेज का लालच इतना भयानक था कि दूल्हा फेरे शुरू होने से ठीक पहले ही बारात वापस लेकर भाग खड़ा हुआ। मामला छतरपुर शहर का है। पलेरा थाना क्षेत्र के हिनौता गांव निवासी भागचंद कुशवाहा की बेटी नीतू की शादी देरी रोड निवासी राजेश कुशवाहा के बेटे गौरव से तय हुई थी। शादी दस लाख रुपए में पक्की हुई थी। तिलक और अन्य रस्मों में लड़की पक्ष पहले ही साढ़े छह लाख रुपए दे चुका था। बाकी रकम और सामान शादी के दिन देना था।
सब कुछ ठीक चल रहा था। बारात आई, द्वारचार हुआ, वरमाला पड़ी। जैसे ही फेरे शुरू होने का समय आया, अचानक दूल्हे गौरव और उसके परिजनों ने दस लाख रुपए और मांग लिए। लड़की वालों ने हाथ जोड़कर बहुत गिड़गिड़ाया, कहा कि इतनी रकम तुरंत कहां से लाएं, लेकिन दूल्हे पक्ष नहीं माना। आखिरकार बारात बिना दुल्हन लिए ही वापस लौट गई। घर में कोहराम मच गया। रोती-रोकर दुल्हन बेहाल हो गई। गुस्साए रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने नौगांव रोड पर जाम लगा दिया। काफी देर तक रास्ता बंद रहा। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाकर जाम खुलवाया।
इसके बाद पूरा वधू पक्ष ओरछा रोड थाने पहुंचा और दूल्हे गौरव, उसके पिता राजेश कुशवाहा सहित बारातियों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने बेटे की शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन में करके संदेश दे रहे हैं कि बेटी ही दहेज है, वहीं दूसरी तरफ दहेज के ये लालची लोग समाज को शर्मसार करने में लगे हैं।
अब देखना यह है कि पुलिस कितनी जल्दी वर पक्ष पर कार्रवाई करती है और लड़की वालों के दिए हुए साढ़े छह लाख रुपए वापस दिलवाती है या नहीं। नहीं तो एक पढ़ी-लिखी लड़की की जिंदगी यों ही बर्बाद हो जाएगी।


