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उमा भारती का ऐलान - अब नहीं बनूंगी मुख्यमंत्री...!

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टीकमगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अपनी मां के नाम पर निकाली जा रही यात्रा के दौरान साफ-साफ कह दिया कि अब उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनना है। उन्होंने मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव की तारीफ की और कहा कि वे अच्छा काम करेंगे और वह खुद उनसे अच्छे काम करवा लेंगी। यह बयान उन्होंने बुड़ेरा से बड़ागांव धसान पहुंची यात्रा के दौरान दिया।
बड़ागांव धसान में एक कार्यकर्ता ने उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की बात कही तो उमा भारती ने तुरंत जवाब दिया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए मुख्यमंत्री बनने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी नीतियां तो पहले से ही मानी जा रही हैं, हालांकि हर बात वे मुख्यमंत्री से सीधे नहीं कहतीं। यात्रा के दूसरे दिन बुड़ेरा से शुरू हुई इस पदयात्रा में उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक चल रहे थे। जगह-जगह लोग उनका स्वागत कर रहे थे, फूल बरसा रहे थे और उनके साथ नारे लगा रहे थे। उमा भारती ने लोगों से शराबबंदी के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने महिलाओं से विशेष रूप से कहा कि शराब दुकानों के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय हों, कंडा, गोबर और मिट्टी लेकर दुकानों पर पहुंचें। साथ ही पूरे देश में गोहत्या रोकने के लिए किसानों से फिर से गोपालन शुरू करने की बात कही।
उमा भारती ने जिले के पिछड़े इलाकों में विकास की योजनाएं लाने का वादा किया और कहा कि टीकमगढ़ को एक समृद्ध जिला बनाया जाएगा। उन्होंने बुंदेलखंड में रेलवे लाइन और केन-बेतवा लिंक परियोजना जैसी बड़ी परियोजनाओं का जिक्र किया, जो इलाके की तस्वीर बदल देंगी। अपनी जिंदगी के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि 16 साल की उम्र में पहली बार इंग्लैंड गई थीं और प्रवचनों के सिलसिले में 60 देशों की यात्रा की है। कैलपुरा में शराब दुकान हटाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा है और विश्वास जताया कि दो दिन में वह दुकान हट जाएगी।
एक बार फिर दोहराते हुए उमा भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है, क्योंकि मोहन यादव अच्छा काम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री भी बेहतर काम कर रहे हैं। जो बात वे कहती हैं, उसे मान लिया जाता है। उदाहरण देते हुए बताया कि शिवराज सिंह चौहान से अच्छी शराब नीति बनाने को कहा तो उन्होंने बना दी और मोहन यादव से एक जिले में एक बड़ी गोशाला बनाने की बात कही है। बड़ागांव पहुंचकर उन्होंने कहा कि उनकी मां जिस रास्ते से जाती थीं, वे शॉर्टकट थे, इसलिए कुछ हिस्सा कार से कर रही हैं। अब अंतौरा की पहाड़ी पैदल पार करेंगी, जिसमें चढ़ना मुश्किल होगा। लेकिन उन्होंने हंसते हुए कहा कि आपने मुझे बहुत पहाड़ चढ़ाए हैं – मुख्यमंत्री बनने के लिए, राम मंदिर के लिए, तिरंगे के लिए। क्या अंतौरा की पहाड़ी नहीं चढ़ पाएंगी।
यह यात्रा उमा भारती की मां की याद में निकाली गई है, जो बुंदेलखंड के विभिन्न गांवों से होकर गुजर रही है। इसमें स्थानीय लोग बड़ी उत्साह से शामिल हो रहे हैं। उमा भारती का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि हाल के दिनों में उनके मुख्यमंत्री बनने की अटकलें चल रही थीं। लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि अब उनका फोकस शराबबंदी, गोसंरक्षण और इलाके के विकास पर है। यात्रा के दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इन मुद्दों पर एकजुट हों और सरकार से मांग करें। कुल मिलाकर यह यात्रा न सिर्फ धार्मिक और भावनात्मक है, बल्कि राजनीतिक संदेश भी दे रही है।
