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कोच का दांव सफल, शिंटोमन ने केआईयूजी में 110 मीटर हर्डल्स का तोड़ा रिकॉर्ड
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महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के धावक सीबी शिंटोमन ने बुधवार को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) 2025 में पुरुषों की 110 मीटर हर्डल्स स्पर्धा में नया कीर्तिमान स्थापित कर सबको चौंका दिया। 23 वर्षीय शिंटोमन ने 14.32 सेकंड का समय लेकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया और पिछले मीट रिकॉर्ड (14.40 सेकंड) को तोड़ डाला।
फुटबॉल खेलते हुए हुई ‘टैलेंट की खोज’
केरल के इडुक्की जिले के एरटायर गांव के शिंटोमन की जिंदगी 2021 तक पढ़ाई, स्कूल फुटबॉल और छुट्टियों में इलायची बागानों में मजदूरी तक सीमित थी। उन्होंने कभी सिंथेटिक ट्रैक पर कदम भी नहीं रखा था, लेकिन एक स्कूल फुटबॉल मैच के दौरान केरल स्पोर्ट्स काउंसिल अकादमी के कोच बैजू जोसेफ की नजर उन पर पड़ी। उनकी मजबूत बॉडी और स्वाभाविक एथलेटिक क्षमता को देखते हुए कोच ने उन्हें एथलेटिक्स की ओर मोड़ा। 400 मीटर और हाई जंप से शुरुआत हुई और धीरे-धीरे वह अपने सही इवेंट 110 मीटर हर्डल्स तक पहुंचे।
दो साल में चौंकाने वाली प्रगति
महज दो साल में शिंटोमन ने अद्भुत सुधार किया है। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में हुए रोमांचक फाइनल में उन्होंने मामूली फासले से शिवाजी विश्वविद्यालय के विकास आनंद खोड़के (14.516 सेकंड) और कैलिकट विश्वविद्यालय के रहील साकीर वीपी (14.518 सेकंड) को पछाड़ते हुए गोल्ड पर कब्जा जमाया। शिंटोमन ने जीत के बाद साईं मीडिया से कहा, “यह मेरा पहला केआईयूजी गोल्ड है और मुकाबला काफी कड़ा था। इतने प्रतिस्पर्धी फील्ड में हिस्सा लेना और पहली बार में ही गोल्ड जीतना मेरे लिए बहुत खास है।”
परिवार नहीं जानता उपलब्धियों के बारे में
मजदूरी कर घर चलाने वाले एक पेंटर के बेटे शिंटोमन का बचपन खेलों से दूर बीता। वह बताते हैं कि उनका परिवार आज भी उनकी उपलब्धियों से अधिक परिचित नहीं है। उन्होंने कहा, “घर में खेल का माहौल कभी नहीं रहा। आज भी उन्हें बहुत कुछ पता नहीं है। लेकिन मेरे कॉलेज और कोच के सपोर्ट से ही मैं यहां तक पहुंच पाया हूं।”
राष्ट्रीय रिकॉर्ड पर नजर
पिछले वर्ष उन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में 14.18 सेकंड का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। इस सीजन उन्होंने इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 14.25 सेकंड का समय निकाला। अब उनका लक्ष्य तेजस शिर्से के 13.41 सेकंड वाले राष्ट्रीय रिकॉर्ड को चुनौती देना है।
भारतीय टीम में जगह बनाने का सपना
इलायची के खेतों में मजदूरी करने से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर रिकॉर्ड तोड़ने तक का सफर शिंटोमन के लिए जीवन बदलने वाला साबित हुआ है। वह कहते हैं, “यह गोल्ड मुझे और मेहनत करने की प्रेरणा देता है। देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए मुझे अपनी स्पीड और तकनीक को और बेहतर करना होगा।”
अब शिंटोमन, कोट्टायम स्थित सेंट डॉमिनिक कॉलेज में जूलियस जे. मनयानी की देखरेख में ट्रेनिंग ले रहे हैं और 2026 के व्यस्त सीजन की तैयारी जल्दी ही शुरू करने वाले हैं।
