Wednesday, December 10, 2025

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मप्र पुलिस केवल अभियानों में नहीं, बल्कि हकीकत में स्पॉट पर पहुंचकर मुक्त कराती है डिजिटल अरेस्ट से

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10 दिसंबर 2025, 07:18 am IST
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जबलपुर। पुलिस साइबर अटैक से लोगों को लगातार जागरूक करती रहती है। इसके लिए बाकायदा मुख्यालय से अभियान भी चलाया गया है, उसके बाद भी लोग सतर्क नहीं रहते। लोग सतर्क रहे न रहे लेकिन अपने कर्तव्यों के प्रति सतर्क पुलिस हमेशा लोगों की सुरक्षा में तैयार रहती है। ऐसे ही एक मामले में उदाहरण पेश किया है जबलपुर पुलिस के एडिशनल एसपी जितेंद्र सिंह ने। एक वकील के माध्यम से आई डिजिटल अरेस्ट की शिकायत पर न केवल संज्ञान लिया, बल्कि खुद तत्काल स्पॉट पर पहुंच गए और ठगों से ऑनलाइन रूबरू हो गए, जिससे एक वृद्ध दंपत्ति 70 लाख रुपए के फ्रॉड से बच गए।

दरअसल, यह घटना बीते दिन मंगलवार को घमापुर थाना क्षेत्र के बाई का बगीचा इलाके की है,जहां रहने वाले एक दंपत्ति को साइबर ठगों ने पुलवामा अटैक के नाम पर फंडिंग का डर दिखाकर तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। ठगों ने खुद को ए टी एस अधिकारी बताकर पीड़ित के बैंक खाते से 70 करोड़ के ट्रांजेक्शन का हवाला दिया और 70 लाख रुपए ट्रांसफर करने का दबाव बनाने लगे। लेकिन उनकी साजिश उस वक्त नाकाम हो गई, जब डरे-सहमे दंपत्ति में से पत्नी बैंक पैसे ट्रांसफर करने जा रही थी,तभी उसने हिम्मत करके अपने परिचित वकील अनिल मिश्रा से संपर्क किया। वकील ने बिना देर किए तुरंत एडिशनल एसपी जितेन्द्र सिंह को जानकारी दी। सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी तत्काल अपने ऑफिस से निकल खुद पीड़ित के घर पहुंचे और वहां मौजूद साइबर ठगों से वीडियो कॉल पर बात की। एडिशनल एसपी को सामने देखकर ठगों ने तुरंत कॉल काट दिया और संपर्क तोड़ दिया।

पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय के अनुसार लोग साइबर क्राइम से सतर्क रहें। पुलिस हर समय जागरूकता के लिये अभियान चलाती है। साइबर अरेस्ट नाम की कोई प्रक्रिया नहीं होती इस बात को लोग जान लें। इसके साथ ही खासकर बुजुर्ग लोग सतर्क रहें। अधिकतर साइबर अपराधी बुजुर्गों को टारगेट करते हैं, इसलिए कहीं भी यदि कोई अकेले वृद्धजन रहते हैं तो उनके रिश्तेदार भी उनका ख्याल रखें। समय-समय पर उन्हें सचेत करते रहें एवं स्वयं भी सतर्क रहें। किसी भी प्रकार की स्थिति में पुलिस से अवश्य संपर्क करें। इसके लिए पुलिस कंट्रोल रूम या नजदीकी थाने में तुरंत संपर्क करें।

पुलिस की सतर्कता और वकील की बुद्धिमानी से दंपत्ति को 70 लाख की ठगी से बचा लिया गया तथा दंपत्ति एक बड़ी ठगी का शिकार होने से बच गए। इस सब में एडिशनल एसपी जितेंद्र सिंह के शिकायत को तत्काल संज्ञान में लेकर स्वयं स्पॉट पर पहुंचाना अन्य अधिकारियों के लिए सबब बनता है। उनके इस कार्य से न केवल नागरिकों में सुरक्षा की भावना बढ़ती है, बल्कि विभाग के अन्य लोगों के लिए प्रेरक कार्य है।

बल्कि आम नागरिक पुलिस की सतर्कता की सराहना कर रहे हैं। वहीं पुलिस ने मामले की पूर्ण जांच प्रारंभ करने के साथ सायबर शिकंजा कस दिया है।

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