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शिक्षा अधोसंरचना में 25 वर्षों में अभूतपूर्व विस्तार

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शिक्षा अधोसंरचना में 25 वर्षों में अभूतपूर्व विस्तार

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31 अक्टूबर 2025, 05:14 pm IST
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रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य अपनी 25 वर्षों की गौरवशाली विकास यात्रा का रजत वर्ष मना रहा है। इस अवधि में राज्य के साथ-साथ कोरिया जिले ने भी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2000 से 2025 के बीच जिले में शिक्षा अधोसंरचना, सुविधाओं और शैक्षणिक परिणामों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है।

विद्यालयों की संख्या में दोगुनी वृद्धि

वर्ष 2000 में कोरिया जिले में विद्यालयों की कुल संख्या 386 थी, जो बढ़कर अब 606 तक पहुँच गई है। इसमें प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 281 से बढ़कर 387, पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 76 से बढ़कर 167 और हायर सेकेंडरी विद्यालयों की संख्या 22 से बढ़कर 37 हो गई है।

छात्र संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि

शिक्षा के प्रति लोगों में बढ़ती जागरूकता के परिणामस्वरूप विद्यालयों में पंजीकृत छात्रों की संख्या 21 हजार 051 से बढ़कर 37 हजार 172 हो गई है। यह दर्शाता है कि अब जिले के अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा से जुड़ रहे हैं और स्कूलों की पहुँच सुदूर अंचलों तक बढ़ी है।

 परीक्षा परिणामों में ऐतिहासिक सुधार

जिले में शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हुआ है। वर्ष 2000 में हाईस्कूल परीक्षा परिणाम 46.31 प्रतिशत था, जो 2025 में बढ़कर 92.26 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार हायर सेकेंडरी परीक्षा परिणाम 67.15 प्रतिशत से बढ़कर 94.26 प्रतिशत तक पहुँच गया है। ये आँकड़े जिले के शिक्षकों की प्रतिबद्धता और छात्रों की मेहनत का प्रमाण हैं।

छात्र हितैषी योजनाओं से बढ़ा नामांकन और उपस्थिति

सरकार की विभिन्न योजनाओं से विद्यालयों में नामांकन दर में वृद्धि हुई है। मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत वर्ष 2000 में जहाँ 9 जार 124 विद्यार्थियों को निःशुल्क भोजन मिलता था, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 25 हजार 516 तक पहुँच गई है। कक्षा 1 से 10 तक लगभग 2 लाख 20 हजार छात्रों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें, कक्षा 1 से 8 तक 48 हजार 892 विद्यार्थियों को निःशुल्क गणवेश और कक्षा 9 वीं की एक हजार से अधिक छात्राओं को निःशुल्क साइकिल वितरण कराई गई हैं। इन पहल से विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा में बड़ा सुधार आया है।

 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नए संस्थानों की स्थापना

वर्ष 2000 के बाद कोरिया जिले में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET), जवाहर नवोदय विद्यालय और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जैसे प्रमुख संस्थान स्थापित किए गए हैं। इन संस्थानों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और ग्रामीण तथा दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का अवसर प्रदान किया है।

सरकार की विकासपरक नीतियों का परिणाम

विष्णु देव साय सरकार की शिक्षा-केंद्रित और विकासपरक नीतियों ने कोरिया जिले को नई दिशा दी है। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और जनभागीदारी से प्रेरित प्रयासों के फलस्वरूप जिले के दुर्गम और दूरस्थ अंचलों तक शिक्षा की रोशनी पहुँच रही है।

कोरिया जिला बना शिक्षा विकास का नया मॉडल

इन 25 वर्षों की शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि कोरिया जिला अब शिक्षा के विकास का एक प्रेरणादायक मॉडल बन चुका है। अधोसंरचना, गुणवत्ता और पहुँच-तीनों ही स्तरों पर जिले ने नई ऊँचाइयाँ प्राप्त की हैं, जो आने वाले वर्षों में बच्चों के सर्वांगीण विकास की मजबूत नींव सिद्ध होंगी।


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