कारवार (कर्नाटक)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को भारतीय नौसेना के कारवार नेवल बेस पर एक यादगार और ऐतिहासिक यात्रा की। उन्होंने कलवरी क्लास की सबमरीन INS वाघषीर में समुद्र की गहराई में उतरकर यात्रा की। उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी मौजूद थे।
यह कलवरी क्लास सबमरीन में किसी राष्ट्रपति की पहली यात्रा है। कुल मिलाकर देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं जो सबमरीन में सवार हुईं। इससे पहले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने फरवरी 2006 में सबमरीन यात्रा की थी।
राष्ट्रपति मुर्मू नौसेना की वर्दी में बेहद खूबसूरत और गौरवान्वित नजर आईं। उन्होंने सबमरीन के अंदर विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया और नौसेना के जवानों से बातचीत की। यात्रा के दौरान सबमरीन समुद्र की गहराई में उतरी और फिर ऊपर आई।
INS वाघषीर P75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट की छठी और अंतिम सबमरीन है। इसे इसी साल जनवरी में नौसेना में कमीशन किया गया था। यह स्टेल्थ फीचर्स से लैस अत्याधुनिक सबमरीन है, जो दुश्मन को चकमा देने में माहिर है।
राष्ट्रपति की इस यात्रा से नौसेना के जवानों का मनोबल और ऊंचा हुआ है। यह न सिर्फ महिलाओं और आदिवासी समुदाय की बेटी के रूप में गर्व का क्षण है, बल्कि भारतीय नौसेना की ताकत का भी प्रतीक बन गया।
कारवार नेवल बेस पर राष्ट्रपति का भव्य स्वागत हुआ। नौसेना प्रमुख ने उन्हें सबमरीन की तकनीकी विशेषताओं की जानकारी दी। यात्रा के बाद राष्ट्रपति ने जवानों की बहादुरी और समर्पण की सराहना की।

