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जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में भारत का सामना मजबूत बेल्जियम से

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भारत ने पूल-बी में दमदार प्रदर्शन करते हुए 29 गोल दागकर और एक भी गोल न खाते हुए भले ही शानदार रिकॉर्ड बनाया हो, लेकिन असली चुनौती अब शुरू होने जा रही है। शुक्रवार को चेन्नई के मेयर राधाकृष्णन हॉकी स्टेडियम में होने वाले क्वार्टर फाइनल में भारत का सामना मजबूत बेल्जियम से होगा।
पी.आर. श्रीजेश की कोचिंग में खेल रही भारतीय टीम जानती है कि चिली, ओमान और स्विट्जरलैंड जैसी कमजोर टीमों के खिलाफ मिले आसान जीत अब इतिहास हो चुके हैं। अब जरा-सी गलती 2016 के बाद दोबारा घरेलू धरती पर खिताब जीतने के सपने को तोड़ सकती है।
भारतीय फॉरवर्ड लाइन ने अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है। दिलराज सिंह (6 गोल) और मनमीत सिंह (5 गोल) ने आक्रमण में लय बनाए रखी, जबकि रोशन कुजूर की अगुआई में मिडफील्ड भी सॉलिड रहा है। इसके बावजूद कोच श्रीजेश ने चेतावनी दी है कि टीम को सर्कल एंट्री को गोल या पेनल्टी कॉर्नर में बदलने की क्षमता और मजबूत करनी होगी। साथ ही डिफेंस को कसा हुआ रखने की जरूरत है ताकि बेवजह पेनल्टी कॉर्नर न मिलें।
पेनल्टी कॉर्नर कन्वर्ज़न भी भारत की लगातार चिंता रही है। पिछले मैच में शारदा नंद तिवारी ने दो गोल कर सुधार जरूर दिखाया, लेकिन रोहित और अनमोल एक्का को बेल्जियम की मजबूत रक्षा पंक्ति के खिलाफ अपने स्ट्राइक रेट में और सुधार करना होगा।
दूसरी ओर, बेल्जियम को हल्के में लेना भारत के लिए बड़ी भूल होगी। स्पेन के पीछे पूल-डी में दूसरे स्थान पर रहने के बावजूद बेल्जियम टूर्नामेंट की सबसे खतरनाक आक्रामक टीमों में से एक मानी जा रही है। पूल चरण में टीम ने 22 गोल किए, जिनमें फील्ड गोल और पेनल्टी कॉर्नर गोल की संख्या बराबर रही।
भारतीय डिफेंस अब तक लगभग अनटेस्टेड रहा है, जिसे अब सबसे कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। स्विट्जरलैंड के खिलाफ 5-0 की जीत में गोलकीपर प्रिंस दीप सिंह और बिक्रमजीत सिंह ने कुछ बेहतरीन सेव किए, लेकिन बेल्जियम का आक्रमण इससे कहीं कठिन होगा। कप्तान रोहित, तालेम प्रियबर्ता और आमिर अली की अगुआई में भारतीय बैकलाइन को अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता दिखानी होगी।
अन्य क्वार्टरफाइनल मुकाबलों में स्पेन का सामना न्यूजीलैंड से, फ्रांस का मुकाबला जर्मनी से (पिछले संस्करण के फाइनल की पुनरावृत्ति) और नीदरलैंड्स का मुकाबला अर्जेंटीना से होगा।
