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विज्ञान3I/ATLAS: दूसरी दुनिया से आया रहस्यमयी धूमकेतु, क्या दिसंबर में धरती से टकराएगा?

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3I/ATLAS: दूसरी दुनिया से आया रहस्यमयी धूमकेतु, क्या दिसंबर में धरती से टकराएगा?

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3I/ATLAS: दूसरी दुनिया से आया रहस्यमयी धूमकेतु, क्या दिसंबर में धरती से टकराएगा?

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Unknown Author
31 अक्टूबर 2025, 12:54 pm IST
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नई दिल्ली।  दुनिया भर के वैज्ञानिकों (scientists) की नजर धूमकेतु 3I/ATLAS पर है। यह हमारे सौरमंडल (Solar System) के बाहर से आया है। वैज्ञानिक इसकी अनोखी विशेषताओं को समझने और अंतरिक्ष सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए इस पर लगातार नजर रख रहे हैं। यह हमारे सौरमंडल में आने वाला तीसरा अंतरतारकीय धूमकेतु है। सूर्य के करीब से गुजरने के बाद अब यह 19 दिसंबर 2025 को पृथ्वी के सबसे करीब आएगा। धूमकेतु 3I/ATLAS को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं।

नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह धूमकेतु आज सूरज के करीब से गुजरा। इस दौरान इसकी दूरी 21 करोड़ किमी रही। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके व्यवहार से ब्रह्मांड के कई अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठ सकता है। इस धूमकेतु को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एटलस टेलीस्कोप ने खोजा था। यह अपने दुर्लभ गुणों, जैसे ‘ऐंटी टेल’ और कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता की वजह से वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बना हुआ है।

नासा के मुताबिक, सूर्य और धरती के करीब से गुजरने के बाद भी इसके टकराने का कोई खतरा नहीं है। इससे पहले हमारे सौर मंडल में बाहर से आने वाले रहस्यमयी ‘ओउमुआमुआ’ (2017) और बोरिसोव (2019) धूमकेतु थे। हालांकि, वैज्ञानिकों की पकड़ में 3I/ATLAS धूमकेतु जल्दी आ गया।

कब हुई थी इसकी खोज?
चिली में नासा के एटलस टेलीस्कोप ने इसे सबसे पहले 1 जुलाई 2025 को खोजा था। इसकी कक्षा अतिपरवलयिक(Hyperbolic) है। इसका मतलब है कि यह गुजर जाएगा और कभी लौटकर नहीं आएगा। 30 अक्तूबर यानी आज यह धूमकेतु सूर्य के सबसे करीब रहा। इस दौरान सूर्य की गर्मी से इसकी बर्फीली सतह पिघल गई। इससे एक चमकदार कोमा(धुंधला आवरण) और एक लंबी पूंछ बन गई।

क्या धरती से होगी टक्कर?
3I/ATLAS धूमकेतु 19 दिसंबर 2025 को धरती के करीब से गुजरेगा। हालांकि, इस दौरान यह करीब 27 करोड़ किमी की बेहद सुरक्षित दूरी पर रहेगा। यह दूरी इतनी ज्यादा है कि किसी भी तरह के टक्कर कोई संभावना नहीं है। नासा ने 3I/ATLAS के रास्ते की बहुत ध्यान से कैलकुलेशन किया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि पृथ्वी या किसी अन्य ग्रह को कोई खतरा नहीं है।

वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला खुलासा
वैज्ञानिकों को इसमें कुछ असामान्य व्यवहार दिखा है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री एवी लोएब ने इसके अप्राकृतिक उत्पत्ति की संभावना जताई थी जिसके बाद कुछ अटकलें लगीं। लेकिन नासा के वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि यह एक प्राकृतिक वस्तु है और यह अटकलें अभी तक साबित नहीं हुई हैं। 3I/ATLAS वैज्ञानिकों को हमारे सौरमंडल के बाहर की चीजों को करीब से स्टडी करने का एक अच्छा मौका देता है। नासा के वैज्ञानिकों ने साफ कर दिया है कि यह कोई एलियन स्पेसक्राफ्ट नहीं है।

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