logo

ख़ास ख़बर
देशGeneralटैक्स रिफंड पर साइबर ठगों की नजर! SSB जवान बने शिकार, जानें कैसे हुआ धोखा

ADVERTISEMENT

टैक्स रिफंड पर साइबर ठगों की नजर! SSB जवान बने शिकार, जानें कैसे हुआ धोखा

Post Media
News Logo
Unknown Author
22 अगस्त 2025, 09:30 am IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/X
Copy Link

Advertisement

नई दिल्ली : धोखाधड़ी कर लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले ठगों के नए-नए तरीके देखने को मिल रहे हैं। ये ठग, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी नहीं छोड़ रहे। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। सशस्त्र सीमा बल के जवान की आईटीआर फाइलिंग के दौरान रिफंड की राशि पर हाथ साफ कर दिया गया। अनजान व्यक्ति के बैंक खाते में बतौर रिफंड की राशि, 77040 रुपये चले गए। सशस्त्र सीमा बल ने अपने सभी जवानों को सचेत किया है कि वे अनजान व्यक्ति के झांसे में आकर अधिकतम आईटीआर रिफंड के प्रलोभन में फंस कर अपना इन्कम टैक्स पोर्टल, पैन कार्ड और ओटीपी, आदि जानकारी साझा न करें। जानकारी के मुताबिक, 44वीं वाहिनी में तैनात आरक्षी (एमटीएस) राजीव ओरावं, एटी 2025 के दौरान नरकटियागंज से स्थानांतरित होकर 69वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, पाक्योंग (सिक्किम) में आया है। 44वीं वाहिनी में ड्यूटी के दौरान एक अन्य कार्मिक, आरक्षी एमटीएस चंद्र भूषण से आईटीआर फाइलिंग के लिए किसी अनजान व्यक्ति का नंबर मिला। राजीव ने उस अनजान व्यक्ति से फोन पर बातचीत की। उससे अपना आईटीआर फाइल करवाया। जब रिफंड की राशि प्राप्त नहीं हुई तो उसने इनकम टैक्स पोर्टल पर चेक किया। उक्त कर्मी के इनकम टैक्स पोर्टल पर किसी दूसरे व्यक्ति का मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस और बैंक खाता अपडेट कर दिया गया था। नतीजा, अनजान व्यक्ति के बैंक खाते में रिफंड की राशि 77040 रुपये चले गए। जिस बैंक में पैसे गए थे, वह एक्सिस बैंक किशनगंज की शाखा थी। इस घटनाक्रम से एसएसबी कार्मिक हैरान रह गया। इसके बाद समवाय प्रभारी द्वारा इनकम टैक्स पोर्टल पर दोबारा से कार्मिक का मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस और सीएपीएसपी बैंक खाता, अपडेट कर दिया गया। साथ ही पोर्टल पर शिकायत भी दर्ज कराई गई। कार्मिक ने साइबर क्राइम पोर्टल 1930 पर संपर्क किया, लेकिन वहां से उसे पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने का सुझाव दिया गया। एसएसबी ने अपने सभी कार्मिकों के लिए एडवायजरी जारी की है कि वे अनजान व्यक्ति के झांसे में आकर ज्यादा आईटीआर रिफंड के चक्कर में न पड़ें। अनाधिकृत व्यक्ति के साथ निजी जानकारी साझा न करें। साइबर और अन्य धोखाधड़ी से बचने के लिए कार्मिकों को मौखिक कार्यशाला एवं लिखित जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद कार्मिक, धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)