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सीएम रेखा गुप्ता ने की पुष्टि: दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 2025 अब कानून, एलजी ने दी हरी झंडी
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नई दिल्लीः दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 2025 को कानूनी मान्यता मिल गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 2025 (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) को एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मंजूरी देकर अधिसूचित कर दिया है। अब इस एक्ट के आधार पर दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों का संचालन होगा। CM रेखा गुप्ता ने सोमवार को पुष्टि की मुख्यमंत्री ने इस एक्ट को शिक्षा के व्यवसायीकरण पर कड़ा प्रहार और पैरंट्स की ऐतिहासिक जीत बताया। सीएम ने कहा कि इस कानून से फीस निर्धारण में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। पैरंट्स को प्राथमिकता दी गई है। अब वे फीस तय करने में सीधी भूमिका निभा सकेंगे। दरअसल, लंबे समय से दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों के फीस बढ़ाए जाने का मुद्दा रहा है। तय फीस तीन साल तक स्थिर रहेगी सरकार के अनुसार, तय फीस तीन साल तक स्थिर रहेगी। साथ ही, किसी भी विवादित फीस को लेकर स्टूडेंट पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। फीस विवादों को तेजी से सुलझाने के लिए मल्टीलेवल ग्रीवांस रिड्रेसल मैकेनिज्म बनाया गया है। पिछली सरकारों पर बोला हमला मुख्यमंत्री ने कहा, पिछली सरकारों ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। जिस कारण स्कूलो ने 30-45% तक फीस बढ़ा दी। पैरंट्स की भूमिका सीमित रही और शिकायत निवारण प्रणाली बेहद कमजोर थी। जानें बिल की 6 खास बातें मनमानी फीस नहीं चलेगी: अब कोई भी स्कूल तय की गई फीस से ज्यादा फीस नहीं वसूल सकेगा। हर स्कूल में फीस कमिटीः इसके मैनेजमेंट में शिक्षक, पैरंट्स, महिलाएं और वंचित वर्ग के लोग शामिल होंगे, ताकि फीस तय करने में सबकी भागीदारी हो शिकायत निवारण कमिटी: फीस से जुड़ी शिकायतें और विवाद वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों की अध्यक्षता में बनी कमिटी तुरंत सुलझाएगी। हाई लेवल रिव्यू कमिटी: जिला स्तर के फैसलों पर अपील की जांच करेगी, ताकि कोई भी पक्षपात न हो। फीस की जानकारी सार्वजनिक: फीस का ब्योरा नोटिस बोर्ड, वेबसाइट और हिंदी, अंग्रेजी में खुले रूप में डिस्प्ले करना होगा। उल्लंघन पर सख्त जुर्मानाः ज्यादा या अवैध फीस लेने वाले स्कूलों पर भारी जुर्माना लगेगा।
