स्मार्टफोनों में साइबर सिक्योरिटी ऐप ‘संचार साथी’ को प्री-इंस्टॉल करने के दूरसंचार विभाग (DoT) के आदेश पर बढ़ते विवाद के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को सफाई दी है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि ऐप अनिवार्य नहीं है और अगर यूजर चाहे तो इसे डिलीट कर सकता है।
1 दिसंबर को जारी सरकारी आदेश के तहत स्मार्टफोन कंपनियों को 90 दिनों के भीतर नए फोन में यह सरकारी साइबर सुरक्षा ऐप पहले से इंस्टॉल करने को कहा गया था। इसके बाद विपक्ष ने इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इसे लोगों की प्राइवेसी पर हमला बताया। उनका कहना है कि यह एक जासूसी ऐप की तरह काम कर सकता है और सरकार नागरिकों की निगरानी करना चाहती है। उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग जरूरी है, लेकिन प्री-इंस्टॉल ऐप का निर्णय लोगों की निजी जिंदगी में अनावश्यक दखल जैसा है।

