logo

BREAKING NEWS
विदेशचीनचीन का नया परमाणु टॉरपीडो: एक खतरनाक डूम्सडे हथियार

ADVERTISEMENT

चीन का नया परमाणु टॉरपीडो: एक खतरनाक डूम्सडे हथियार

Post Media

news

News Logo
Peptech Time, Chhatarpur
25 अगस्त 2025, 12:56 pm IST
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter/X
Copy Link

Advertisement

बीजिंग । चीन एक इसतरह के हथियार पर काम कर रहा है जिसे डूम्सडे हथियार कहा जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह एक परमाणु टॉरपीडो है जो समुद्र के भीतर परमाणु विस्फोट करके तटीय शहरों में रेडियोएक्टिव सुनामी ला सकता है। यह तकनीक रूस के पोसाइडन टॉरपीडो से प्रेरित मानी जा रही है। यह एक पानी के भीतर चलने वाला ड्रोन हथियार है, जिसे पनडुब्बियों या युद्धपोतों से लांच किया जा सकता है। इसमें एक छोटा परमाणु रिएक्टर लगा है, जिससे यह 200 घंटे तक लगातार चल सकता है। इसकी गति लगभग 56 किमी/घंटा है और इसकी रेंज हजारों किलोमीटर तक हो सकती है। फिलहाल इसमें पारंपरिक वॉरहेड लगाने की बात कही जा रही है, लेकिन भविष्य में इसे परमाणु वॉरहेड से भी लैस किया जा सकता है।
टॉरपीडो तट के पास फटने से परमाणु विस्फोट से पैदा हुई सुनामी तटीय शहरों को पूरी तरह से तबाह कर सकती है। विस्फोट से प्रभावित क्षेत्र लंबे समय तक रहने लायक नहीं रहेंगे क्योंकि वहाँ रेडियोएक्टिव प्रदूषण फैल जाएगा। समुद्री जीवन और पूरे समुद्री पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचेगी। चीन इस हथियार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने और अमेरिका और उसके सहयोगियों पर दबाव बनाने के लिए विकसित कर रहा है। समझौते के तहत परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती और ताइवान पर तनाव के कारण, चीन इसे एक रणनीतिक डर पैदा करने वाला हथियार मान रहा है। अमेरिका और नॉर्वे जैसे देशों ने इस पर चिंता जाहिर की है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी रेडियोएक्टिव सुनामी पैदा करना तकनीकी रूप से मुश्किल है। हो सकता है कि चीन का यह प्रोजेक्ट केवल मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने और सामरिक वार्ताओं में फायदा पाने का एक तरीका हो। यह हथियार अंतरराष्ट्रीय युद्ध कानूनों और पर्यावरण संधियों का भी उल्लंघन हो सकता है।

Today In JP Cinema, Chhatarpur (M.P.)