रायपुर : छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन (सीजीएमएससी) के लापरवाह करतूतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके बाद सीजीएमएससी ने एक साथ तीन दवाओं के उपयोग और वितरण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। इनमें पैरासिटामोल 650 एमजी (बैच नंबर आरटी 24045, 9 एम इंडिया लिमिटेड), पैरासिटामोल 500 एमजी (बैच नंबर आरटी 23547 और आटी 240320, 9 एम लिमिटेड) तथा एसिक्लोफिनेक 100 एमजी और पैरासिटामोल 325 एमजी (बैच नंबर एपीसी 508, हीलर्स लेब) शामिल हैं। यह वही दवाएं हैं, जिनकी आपूर्ति पिछले महीनों में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में की जा चुकी है। दवा में फंगस, मरीजों की जान खतरे में पैरासिटामोल 500 एमजी की 48 हजार गोलियां हाल ही में अस्पतालों से वापस मंगाई गईं। गोलियों पर स्पष्ट धब्बे और फंगस पाए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी दवाएं मरीजों को उल्टी, दस्त, फूड पाइजनिंग और गंभीर स्थिति में जानलेवा साबित हो सकती हैं। प्रदेश के 90 से अधिक अस्पतालों से जब शिकायतें आईं, तब हड़बड़ी में बैच रोकने का आदेश जारी किया गया। महंगी और घटिया खरीद सीजीएमएससी ने पैरासिटामोल की खरीद 47.04 रुपये प्रति 100 टैबलेट की दर से की, जबकि राजस्थान दवा निगम ने यही दवा 29.33 रुपये में खरीदी। यानी प्रति स्ट्रिप 18 रुपये महंगी खरीद कर सीजीएमएससी ने केवल 2024-25 में ही करीब डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान करा दिया। अस्पतालों में पहुंच रही घटिया दवाएं और उपकरण आश्चर्यजनक यह है कि जो दवा इन्द्रिय परीक्षण में फेल हो चुकी थी, उसे नियमों को दरकिनार कर दोबारा परीक्षण के लिए भेजा गया। एक अप्रैल 2024 से अब तक 19.93 लाख टैबलेट अस्पतालों में पहुंच चुकी हैं। पहले भी आ चुकी है शिकायतें सर्जिकल ब्लेड से लेकर ग्लूकोज स्लाइन तक घटिया क्वालिटी की सप्लाई की गई। पिछले दो माह में डीएनएस तरल पोषण, आरएल स्लाइन, अस्थमा-गठिया की दवा, सर्जिकल दस्ताने, इंजेक्शन पाउडर और कैल्शियम टैबलेट तक की गुणवत्ता संदिग्ध पाई गई। इसके अलावा आंगनबाड़ी और विद्यालयों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को दी जाने वाली अलबेन्डाजोल गोलियों की गुणवत्ता खराब मिली थी। एक ही कंपनी को बार-बार ठेका महासमुंद की 9 एम इंडिया लिमिटेड पर पहले भी घटिया दवा सप्लाई के मामले सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके, पिछले तीन-चार साल से पैरासिटामोल की आपूर्ति का ठेका इसी कंपनी को मिल रहा है। कंपनी की डाइसाइक्लोमाइन 10 एमजी भी पहले खराब निकली थी, लेकिन कार्रवाई सिर्फ बैच वापसी तक सीमित रही।
