नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में 1 बिलियन टन (1000 मिलियन टन) का आंकड़ा पार कर लिया है। रेल मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि 19 नवंबर तक रेलवे द्वारा कुल 1020 मिलियन टन (एमटी) माल लादा जा चुका है। यह उपलब्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और रेलवे की बढ़ती परिचालन दक्षता का प्रमाण मानी जा रही है।
रेलवे की इस उपलब्धि में प्रमुख सेक्टरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कोयला 505 एमटी के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि लौह अयस्क 115 एमटी, सीमेंट 92 एमटी, कंटेनर ट्रैफिक 59 एमटी, पिग आयरन और तैयार स्टील 47 एमटी, उर्वरक 42 एमटी, खनिज तेल 32 एमटी, खाद्यान्न 30 एमटी तथा इस्पात संयंत्रों के कच्चे माल लगभग 20 एमटी के साथ शामिल रहे। अन्य वस्तुओं की माल ढुलाई 74 एमटी दर्ज की गई। दैनिक माल लदान भी निरंतर मजबूती बनाए हुए है, जो इस वर्ष औसतन 4.4 एमटी प्रतिदिन रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 4.2 एमटी था।
अप्रैल से अक्टूबर के बीच रेलवे की कुल माल ढुलाई 935.1 एमटी रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में दर्ज 906.9 एमटी की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। यह निरंतर सकारात्मक रुझान भारतीय उद्योगों एवं बुनियादी ढांचे की बढ़ती मांग को पूरा करने में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका को पुष्ट करता है। सीमेंट क्षेत्र की अहमियत को देखते हुए रेलवे ने हाल ही में कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। बल्क सीमेंट टर्मिनलों के लिए नई नीति तथा कंटेनरों में बल्क सीमेंट परिवहन हेतु दरों का तार्किक पुनरीक्षण, इस दिशा में उठाए गए बड़े कदम हैं। इन पहलों का उद्देश्य सीमेंट परिवहन को अधिक आधुनिक, तेज, किफायती और क्षमता संपन्न बनाना है, जिससे उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों को प्रत्यक्ष लाभ होगा।
रेल मार्ग से भारी माल परिवहन बढ़ने से कई व्यापक लाभ मिल रहे हैं। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी, सड़कों पर भीड़भाड़ में घटौती तथा उद्योगों- विशेषकर एमएसएमई- को पर्यावरण अनुकूल लॉजिस्टिक समाधान प्राप्त हो रहे हैं। यह कदम भारत के नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों के अनुरूप टिकाऊ विकास को सुदृढ़ करते हैं और रेलवे को आर्थिक एवं पर्यावरणीय प्रगति के प्रमुख साधन के रूप में स्थापित करते हैं।

